Adani Group News: अडानी समूह (Adani Group) ने श्रीलंका (Sri Lanka) में पोर्ट बनाने के लिए अमेरिका (United States) की फाइनेंशियल कंपनी डीएफसी (DFC) से अब कर्ज नहीं लेगी. कंपनी ने इस बंदरगाह को अपने दम पर बनाने का फैसला किया है. अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (Adani Ports and Special Economic Zone Limited) ने बताया कि श्रीलंका में पोर्ट बनाने के प्रोजेक्ट के जरूरी फाइनेंस अब कंपनी अपने पास से और कैपिटल मैनजमेंट प्लान के तहत खुद जुटाएगी. कंपनी ने बताया कि डीएफसी से धन उपलब्ध कराने के अनुरोध को हमने वापस ले लिया है.
अडानी समूह अमेरिका से नहीं लेगा कर्ज
स्टॉक एक्सचेंजों के पास मंगलवार 10 दिसंबर, 2024 की देर रात फाइल किए दए रेगुलेटरी फाइलिंग में अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड में इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल ( Colombo West International Terminal) प्रोजेक्ट पर काम तेजी के साथ चल रहा है और अगले वर्ष की शुरुआत से ये टर्मिनल काम करना शुरू कर देगा. कंपनी ने कहा, अब इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी फाइनेंस कंपनी अपने पास से और कैपिटल मैनेजमेंट प्लान के तहत खुद जुटाएगी. अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने कहा, अमेरिका की डीएफसी से धन देने के अनुरोध को हमने वापस ले लिया है.
क्यों अडानी समूह ने लिया ये फैसला!
अमेरिका में न्यूयॉर्क की अदालत में गौतम अडानी और ग्रुप से जुड़े सात लोगों पर 265 मिलियन डॉलर (2250 करोड़ रुपये के करीब) की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाये गए हैं. गौतम अडानी समेत सातों लोगों पर ये आरोप है कि इन लोगों ने 2 अरब डॉलर के सोलर पावर प्लांट्स के प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का ऑफर दिया था. हालांकि अडानी समूह ने अपने चेयरमैन गौतम अडानी और अडानी ग्रीन के डायरेक्टर्स पर अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के लगाये गए आरोपों को सिरे से खारिज किया है. इन आरोपों के चलते समूह को भारत में राजनीतिक हमला झेलना पड़ा रहा है.
अमेरिका की एजेंसी से मिलने थे 553 मिलियन डॉलर
चीन के प्रभाव को कम करने के लिए साल 2023 में अमेरिका ने कोलंबो में अडानी समूह द्वारा बनाए जा रहे वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल ( Colombo West International Terminal) प्रोजेक्ट के लिए धन उपलब्ध कराने का फैसला लिया था. कोलंबो में तैयार हो रहे बंदरगाह के लिए अमेरिका की इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन ने 553 मिलियन डॉलर का फाइनेंस उपलब्ध कराने का भरोसा दिया था जिससे इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते असर को कम किया जा सके.
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