Adani-Hindenburg Issue: शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है. अपनी रिपोर्ट में सेबी ने कहा कि उसने 24 मामले की जांच की है जिसमें से 22 की जांच पूरी हो चुकी है और 2 जांच की रिपोर्ट फिलहाल अंतरिम है. इन दो मामलों में सेबी को विदेशी एजेंसियों के रिपोर्ट का इंतजार है. सेबी ने कहा है जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा.
जिन दो मामलों में अंतरिम रिपोर्ट सौंपा गया है उसमें अडानी समूह के 13 विदेशी एनटिटी यानि इकाईयों को लेकर जांच की जा रही है. इस मामले में सेबी ने पांच देशों से इन विदेशी पोर्टफोलियो इवेंस्टर्स को लेकर डिटेल जानकारी साझा करने को कहा है. अपने एक अंतरिम रिपोर्ट पर सेबी ने कहा कि इसमें 13 विदेशी ईकाई शामिल है जिन्हें अडानी समूह की कंपनियों ने पब्लिक शेयरहोल्डर्स के तौर पर मान्यता दी गई थी.
सेबी ने कहा कि टैक्स हेवेन में जो विदेशी निवेशकों से जुड़ी इकाईयां मौजूद है, 12 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के आर्थिक हितों को साबित करना बड़ी चुनौती है. किसी भी लिस्टेड कंपनी में नॉन-प्रमोटर और पब्लिक शेयरहोल्डिंग में एफपीआई भी एक बड़ा कॉम्पोनेंट होता है. सेबी के नियम के मुताबिक लिस्टेड कंपनियों के लिए 25 फीसदी नॉन-प्रमोटर पब्लिक शेयरहोल्डिंग होना बेहद जरुरी है.
सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग के आरोपों पर अडानी समूह के खिलाफ सेबी को 14 अगस्त तक जांच पूरा कर स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का समय दिया गया था. 14 अगस्त को सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से जांच पूरा करने और स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिनों का और समय मांगा था. 29 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा.
24 जनवरी, 2023 को शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर अपने स्टॉक्स में हेराफेरी कर शेयरों की कीमतें बढ़ाने का आरोप लगाया था जिसके बाद अडानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट में जांच के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए एक पैल का गठन किया था और सेबी को भी जांच करने को कहा था.
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