Adani-Hindenburg Case: अभी खत्म नहीं हुआ है अडानी-हिंडनबर्ग का मामला! सेबी ने कई एफपीआई को भेजा नोटिस
SEBI FPI Notice: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने साल की शुरुआत में अडानी समूह के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाया था. सेबी का यह नोटिस उन्हीं आरोपों से जुड़ा हुआ है...
अडानी-हिंडनबर्ग रिसर्च का मामला अभी भी ठंडा नहीं पड़ा है. साल की शुरुआत में सामने आया यह मुद्दा रह-रह कर उठता रहता है. अब ताजा मामले में सेबी के द्वारा भेजे गए नोटिस से मामला फिर से सतह पर आ गया है.
ऐसे एफपीआई को भेजे गए नोटिस
मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बाजार नियामक सेबी ने करीब एक दर्जन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. ये सभी एफपीआई अडानी समूह के शेयरों से कनेक्टेड हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सेबी ने जिन एफपीआई को कारण बताओ नोटिस भेजा है, उनके पास अडानी समूह की कंपनियों की अच्छी-खासी हिस्सेदारी है.
हिंडनबर्ग ने लगाया था ये भी आरोप
आपको बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने साल की शुरुआत में एक रिपोर्ट जारी कर अडानी समूह के ऊपर कई आरोप लगाया था. हिंडनबर्ग रिसर्च के कई आरोप सनसनीखेज थे. मसलन एक आरोप यह भी था कि अडानी समूह के शेयरों में पैसे लगाने वाले एफपीआई कहीं न कहीं अडानी समूह से जुड़े हुए हैं. सेबी अडानी समूह में बड़ा निवेश रखने वाले वैसे ही एफपीआई की पहचान जानना चाहता है.
सेबी कर रहा ये जानने की कोशिश
मिंट की रिपोर्ट में दो सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सेबी ने संबंधित एफपीआई को भेजे गए नोटिस में उन्हें अपना सही मालिकाना जाहिर करने के लिए कहा है. सेबी ने नोटिस में कहा है कि संबंधित एफपीआई ये बताने में असफल रहे हैं कि उनका वाकई में असल लाभार्थी कौन है. सेबी ने ये नोटिस अडानी के ऊपर हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने के बाद भेजा है.
रिपोर्ट के बाद दूर हुए थे एफपीआई
इस साल जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी. अडानी समूह क लगभग सभी शेयर करीब एक महीने तक हर रोज गिरते रहे थे. उस दौरान देखा गया था कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में जिन एफपीआई पर संदेह जाहिर किया था, उन्होंने अपनी हिस्सेदारी तुरंत कम कर ली थी. कइयों ने तो रिपोर्ट के बाद पूरी तरह से एक्जिट कर लिया था.
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