गौतम अडानी मुंद्रा पोर्ट के बाद भारत में एक और प्रमुख बंदरगाह पर जोर-शोर से काम कर रहे हैं. यह पोर्ट केरल में बन रहा है और उसके कंस्ट्रक्शन का काम पूरे जोर-शोर से हो रहा है. यह बंदरगाह तैयार होने के बाद अडानी समूह को नया बूस्ट प्रदान करेगा.


2030 तक करेंगे इतना निवेश


मिंट की एक खबर की मानें तो अडानी समूह इस पोर्ट पर जोर-शोर से काम कर रहा है. उसे जल्द से जल्द पूरा करने की योजना है. उसके लिए अडानी केरल के विझिंगम में बन रहे बंदरगाह पर 20 हजार करोड़ रुपये निवेश करेंगे. केरल के विझिंगम ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल पर यह निवेश 2030 तक किया जाएगा. रिपोर्ट में इसकी जानकारी अडानी पोर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक करण अडानी के हवाले से दी गई है.


अगले साल शुरू होगा परिचालन


टर्मिनल ने पिछले सप्ताह अपने पहले शिप को ऑफिशियली रिसीव किया है. Zhen Hua 15 नाम के इस शिप को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रिसीव किया. यह क्रेन कैरी करने वाला शिप पोर्ट के कंस्ट्रक्शन के लिए ऑर्डर किया गया है. ऐसी उम्मीद है कि अडानी समूह का केरल स्थित यह बंदरगाह अगले साल मई से दिसंबर के बीच में परिचालन शुरू कर देगा.


पहले चरण में इतना निवेश


रिपोर्ट में अडानी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ राजेश झा के हवाले से बताया गया है कि परियोजना को पहले चरण में 7,700 करोड़ रुपये का निवेश मिल चुका है. उसमें अडानी का 2,500 से 3000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है. बाकी का निवेश केंद्र और राज्य सरकारों के माध्यम से आ रहा है. केरल स्थित इस पोर्ट का कंस्ट्रक्शन अडानी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ही कर रही है.


ये बातें बनाती हैं इसे खास


केरल के विझिंजम में बन रहा यह पोर्ट कई लिहाज से महत्वपूर्ण है. इस पोर्ट के तैयार होने से श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट जैसे विदेशी ट्रांसशिपमेंट हब पर भारत की निर्भरता कम होगी. श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट में चीन की कंपनियों की अहम भूमिका है. इस तरह चीन पर निर्भरता कम होगी. विझिंजम भारत का पहला ट्रांसशिप पोर्ट है, जिसमें 18 मीटर से ज्यादा की प्राकृतिक गहराई है. यह बड़े जहाजों को किनारे तक लाने के लिए जरूरी है. यह इंटरनेशनल शिपिंग रूट से सिर्फ 10 नॉटिकल माइल दूर है.


ये भी पढ़ें: टीसीएस भर्ती घोटाला, 16 कर्मचारियों पर गिरी गाज, आईटी कंपनी ने 6 वेंडरों पर लगा दी रोक