Bangladesh Power Cut: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में बिजली संकट खड़ा हो गया है. अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (APGL) ने 84.6 करोड़ डॉलर का बिल बकाया होने की वजह से बांग्लादेश को अपनी बिजली सप्लाई घटाकर आधी कर दी है. पावर कंपनी अडानी पावर के पूर्ण-स्वामित्व वाली सब्सिडियरी अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) ने बृहस्पतिवार रात से अपने पावर प्लांट से पावर सप्लाई कम कर दी है, इस तरह बांग्लादेश को अपनी कुल जरूरत से कम पावर सप्लाई मिल रही है. 


क्यों अंधेरे में घिर गया बांग्लादेश


'डेली स्टार' में छपी एक खबर के मुताबिक पावर ग्रिड बांग्लादेश पीएलसी के आंकड़ों से पता चला है कि बांग्लादेश के कई शहर अंधेरे में डूब रहे हैं, क्योंकि करीब 1600 मेगावॉट बिजली शॉर्ट पड़ रही है. बांग्लादेश ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार के बीच की रात में 1600 मेगावाट से ज्यादा बिजली की किल्लत की जानकारी दी थी. करीब 1496 मेगावाट क्षमता वाला अडानी पावर का प्लांट अब एक यूनिट से 700 मेगावॉट बिजली का ही उत्पादन कर रहा है. यही वजह है कि पड़ोसी देश बांग्लादेश जो पहले ही भयानक राजनीतिक संकट का शिकार हुआ था, अब नई परेशानी का सामना कर रहा है.


बिजली संकट का मूल कारण- अडानी ने पक्ष में क्या कहा? जानें


अडानी पावर ने कहा कि पीडीबी ने ना तो बांग्लादेश कृषि बैंक से 17 करोड़ डॉलर की रकम की लोन फैसिलिटी दी, और ना ही 84.6 करोड़ डॉलर की बकाया राशि का भुगतान किया है, इसी वजह से इस देश में पावर कट के लिए कंपनी को बाध्य होना पड़ रहा है.


अडानी पावर ने पहले ही पत्र लिखकर बकाया चुकाने का किया था अनुरोध


बिजली काटने की नौबत आने से पहले अडानी कंपनी ने बांग्लादेश के ऊर्जा सचिव को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (पीडीबी) से 30 अक्टूबर तक बकाया रकम का पेमेंट करने को कहा जाए. अडानी समूह की कंपनी ने 27 अक्टूबर को लिखे एक लेटर में कहा था कि अगर पेंडिंग बिलों का पेमेंट नहीं हुआ तो वह पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएगी. इस पर कोई कार्यवाही ना होने के बाद अडानी पावर न 31 अक्टूबर को बिजली सप्लाई सस्पेंड कर दी.


क्या है बांग्लादेश का पक्ष


पीडीबी ने एक अधिकारी के हवाले से कहा कि पिछले बकाये का एक हिस्सा पहले चुका दिया गया था, लेकिन जुलाई से APJL पिछले महीनों की तुलना में ज्यादा चार्ज ले रही है. उन्होंने कहा कि पीडीबी हर हफ्ते करीब 1.8 करोड़ डॉलर का भुगतान कर रहा है, जबकि चार्ज 2.2 करोड़ डॉलर से ज्यादा हो रहा है और पेंडिंग पेमेंट फिर से बढ़ने की यही वजह है.


बांग्लादेश क्यों नहीं दे पा रहा अडानी पावर का पेंडिंग पेमेंट


इसी अधिकारी ने अतिरिक्त पेमेंट के बारे में कहा कि जब पीडीबी ने पिछले साल फरवरी में कोयले की कीमत को लेकर सवाल उठाए थे तो एक पूरक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. उसमें अडानी ग्रुप की कंपनी को दूसरे कोयला आधारित बिजली प्लांट की तरफ से लगाए गए प्लांट की दरों से कम कीमतें रखने के लिए बाध्य किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक एक साल के पूरक सौदे का समय पूरा होने के बाद अडानी पावर ने फिर से पावर परचेज एग्रीमेंट के मुताबिक चार्ज लेना शुरू कर दिया है.


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