अडानी समूह एक नई बिजली कंपनी को खरीदने के बिलकुल करीब पहुंच गई है. समूह के इस प्रस्तावित सौदे को अब एनसीएलटी की मंजूरी मिल गई है. अडानी समूह यह सौदा 4 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा में करने वाला है.


एनसीएलटी की हैदराबाद बेंच ने दी मंजूरी


अडानी समूह की बिजली कंपनी अडानी पावर ने एनसीएलटी से मंजूरी मिलने की जानकारी एक एक्सचेंज फाइलिंग में शेयर बाजारों को दी. उसने बताया कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की हैदराबाद बेंच ने लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड को इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के तहत उसका अधिग्रहण करने के लिए पेश की गई योजना को हरी झंडी दिखा दी है.


अडानी समूह ने पेश की इतनी बड़ी बोली


लैंकों अमरकंटक के ऊपर 15,633 करोड़ रुपये के बकाये हैं. उसे खरीदने के लिए अडानी समूह ने 4 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बोली लगाई है. अडानी ने पहले लैंको अमरकंटक के लिए नवंबर 2023 में 3,650 करोड़ रुपये का ऑफर पेश किया था. बाद में अडानी ने अपने ऑफर को संशोधित किया था और 4,100 करोड़ रुपये का फाइनल ऑफर दिसंबर में पेश किया था.


रेस से बाहर हुई थी जिंदल की कंपनी


लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड को खरीदने की रेस में अडानी पावर को नवीन जिंदल की कंपनी जिंदल पावर से कड़ी टक्कर मिल रही थी. जिंदल पावर ने अपनी योजना में अडानी से बड़ी बोली भी पेश की थी. जिंदल का ऑफर 4,200 करोड़ रुपये से ज्यादा का था, लेकिन नवीन जिंदल की कंपनी इस साल जनवरी में अचानक लैंको अमरकंटक को खरीदने की रेस से बाहर हो गई थी, जिससे अडानी पावर के लिए सौदा पूरा करने की राह आसान हो गई.


इस कारण खास है लैंको अमरकंटक


लैंको अमरकंटक को खरीदने में अडानी और जिंदल के अलावा मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की अगुवाई वाला समूह भी शामिल था. लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड वित्तीय संकटों से जूझ रही एक बिजली कंपनी है. इस सौदे को पूरा होने से अडानी पावर की क्षमता बढ़कर 15,850 मेगावाट हो जाएगी. लैंको अमरकंटक के पास छत्तीसगढ़ में 600 मेगावाट क्षमता का प्लांट है. साथ ही कंपनी के पास हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के साथ पावर पर्चेज एग्रीमेंट भी है.


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