Adani Group Stocks: वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने शुक्रवार को कहा कि अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट से शेयर बाजार में मची आपाधापी मैक्रो-इकोनॉमिक नजरिये से 'चाय के प्याले में उठा तूफान' भर है. 'चाय के प्याले में उठा तूफान' एक मुहावरा है, जिसका मतलब है कि ऐसे मामले को लेकर गुस्सा और चिंता दिखाना, जो महत्वपूर्ण नहीं है.
वित्त मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी सोमनाथन ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि भारत की सार्वजनिक वित्तीय प्रणाली (Public Finance System) काफी मजबूत है और शेयर बाजार की उठापटक सरकार की चिंता का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में जरूरी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र नियामक मौजूद हैं.
अडानी समूह की कंपनियों पर लगे धोखाधड़ी के आरोपों का बैंकों एवं बीमा कंपनियों पर संभावित असर के बारे में पूछे जाने पर वित्त सचिव ने कहा, 'जमाकर्ताओं या पॉलिसीधारकों या इन कंपनियों के किसी भी शेयरधारक के लिए वित्तीय स्थिरता को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है. किसी भी एक कंपनी का शेयर ऐसा नहीं है कि वह वृहद-आर्थिक स्तर पर कोई असर डाल सके. लिहाजा उस नजरिये से चिंता की कोई बात नहीं है.'
अडानी समूह की कंपनियों का मूल्यांकन पिछले दस दिनों में 100 अरब डॉलर तक गिर चुका है. समूह की अग्रणी कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के शेयर दिसंबर के अपने उच्च भाव से अब तक 70 प्रतिशत तक लुढ़क चुके हैं.
सोमनाथन ने अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट का विनिवेश संग्रह के संशोधित अनुमानों पर कोई असर पड़ने की आशंका से भी इनकार किया. उन्होंने कहा, 'यह एक किनारे पर चलने वाला मामला है. शेयर बाजार और निवेश में दिलचस्पी रखने वाले उसे लेकर उत्सुक हैं. लेकिन मैक्रो-इकोनॉमिक नजरिये से यह कोई मुद्दा नहीं है. हमारी राय में यह पूरी तरह गैर-मुद्दा है. मैक्रो-इकोनॉमिक नजरिये से यह चाय के प्याले में उठा तूफान भर है.'
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार की कीमतों में उतार-चढ़ाव चिंता की कोई बात नहीं है और सभी शेयर बाजारों में यह परिघटना देखने को मिलती है. उन्होंने कहा, 'सरकार की चिंता सही निवेश परिवेश पैदा करने और एक अच्छी तरह विनियमित वित्तीय बाजार के निर्माण की है. इसी के साथ पारदर्शिता और कामकाज का सुचारू ढंग से चलना भी सुनिश्चित करना होता है.'
हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए धोखाधड़ी किए जाने के आरोप लगने के बाद से लगातार बिकवाली हो रही है. इस दौरान अडानी एंटरप्राइजेज को सर्वाधिक नुकसान हुआ है.