Adani Wilmar IPO: अडानी विल्मर के शेयर की 8 फरवरी को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग, बाजार के बिगड़े सेंटीमेंट का भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
Adani Wilmar IPO: 8 फरवरी 2022 को अडानी विल्मर (Adani Wilmar) आईपीओ के शानदार लिस्टिंग को लेकर निवेशकों के मन में संशय है. क्योंकि ग्रे मार्केट प्रीमियम में भारी गिरावट आई है.
Adani Wilmar IPO: सोमवार को शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुआ है. ऐसे में मंगलवार 8 फरवरी 2022 को अडानी विल्मर (Adani Wilmar) आईपीओ के शानदार लिस्टिंग को लेकर निवेशकों के मन में संशय है. क्योंकि ग्रे मार्केट प्रीमियम में भारी गिरावट आई है. माना जा रहा है बाजार के बिगड़े सेंटीमेंट का खामियाजा अडानी विल्मर आईपीओ को भुगतना पड़ सकता है.
Adani Wilmar IPO GMP में बड़ी गिरावट
शेयर बाजार में गिरावट के चलते अडानी विल्मर आईपीओ के ग्रे मार्केट प्रीमियम में भारी गिरावट आई है. अडानी विल्मर का ग्रे मार्केट में प्राइस 22 से 25 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है जो केवल 10 फीसदी के करीब है. जबकि पहले ग्रे मार्केट में 100 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा था. आपको बता दें अडानी विल्मर आईपीओ का प्राइस बैंड 218 से 230 रुपये है.
तय हुआ शेयर अलॉटमेंट
आवेदन करने वाले शेयरधारकों को उनके डिमैट खाते में शेयर अलॉट कर दिए गए हैं. और जिन निवेशकों को आईपीओ में आवेदन करने के बावजूद शेयर नहीं मिले हैं उन्हें अप्लीकेशन मनी वापस कर दिया गया है. माना जा रहा है अगले हफ्ते 8 फरवरी को अडानी विल्मर के शेयर की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग हो सकती है. अडानी विल्मर का आईपीओ 27 जनवरी से 31 जनवरी 2022 तक आवेदन के लिए खुला था. अडानी विल्मर ने आईपीओ के जरिए 3600 करोड़ रुपये जुटाये हैं. निवेशक कम से कम 65 शेयर के एक लॉट के लिए आवेदन कर सकते थे जिसके लिए उन्हें 14950 रुपये देने थे. अधिकत्तम निवेशक 13 लॉट के लिए आवेदन कर सकते थे और उन्हें 194350 रुपये देने होंगे.
IPO का साइज क्या है
अडानी विल्मर के आईपीओ का साइज 3600 करोड़ रुपये का है और ये पूरी तरह फ्रेश इश्यू जारी किया गया है. कंपनी आईपीओ से मिली रकम का इस्तेमाल कर्ज वापस करने के साथ कारोबार को बढ़ावा देने के लिए करेगी. कंपनी आईपीओ से जुटाई जाने वाली राशि का इस्तेमाल पूंजीगत व्यय को निधि देने, ऋण को कम करने और अधिग्रहण के लिए करेगी. कंपनी देश की सबसे बड़ी खाद्य और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनी बनना चाहती है. बता दें कि कंपनी के प्रमोटर्स और निवेशक अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच रहे हैं और ये कंपनी में उनके विश्वास को दिखा रहा है.
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