Adani Wilmar Sale: अडानी विल्मर में हिस्सा नहीं बेच रहे हैं गौतम अडानी, फ्लैगशिप कंपनी ने किया खबरों का खंडन
Adani Wilmar Stake Sale Update: ऐसी खबरें चल रही थीं कि अडानी विल्मर से अडानी समूह एक्जिट की तैयारी में है. अब अडानी एंटरप्राइजेज ने उन खबरों का सिरे से खंडन किया है...
देश के शीर्ष कारोबारियों में से एक गौतम अडानी एफएमसीजी कंपनी अडानी विल्मर की अपनी हिस्सेदारी को नहीं बेच रहे हैं. अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने इससे जुड़ी खबरों का गुरुवार को खंडन किया. अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि विल्मर समूह के साथ मिलकर बनी एफएमसीजी कंपनी से निकलने की उसकी कोई योजना नहीं है.
अडानी विल्मर में अडानी समूह की 44 फीसदी हिस्सेदारी है. यह एफएमसीजी कंपनी सिंगापुर के विल्मर इंटरनेशनल और भारत के अडानी समूह की ज्वाइंट वेंचर है. अडानी विल्मर खाने के तेल से लेकर आटा-चावल-दाल जैसी चीजों की बिक्री करती है. अपनी कैटेगरी में अडानी विल्मर टॉप कंपनियों में से एक है.
अडानी समूह के पास इतना हिस्सा
ब्लूमबर्ग ने इससे एक दिन पहले खबर चलाई थी कि अडानी समूह एफएमसीजी कंपनी में अपनी 44 फीसदी हिस्सेदारी को बेचकर एक्जिट करने की तैयारी में है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडानी एंटरप्राइजेज अपनी लगभग पूरी हिस्सेदारी को बेच सकती है. गौतम अडानी और उनके परिवार के पास अडानी विल्मर की कुछ हिस्सेदारी रह सकती है. ब्लूमबर्ग ने साथ ही ये भी जोड़ा था कि इस सौदे को लेकर बातचीत अभी शुरुआती चरण में है.
इतनी है कंपनी की वैल्यू
विल्मर इंटरनेशनल और अडानी समूह की एफएमसीजी जेवी अडानी विल्मर की वैल्यू अभी 6.17 बिलियन डॉलर है. खाने के तेल, दाल, आटा, चीनी आदि का कारोबार करने वाली कंपनी अडानी विल्मर को वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2023 के दौरान 79 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. कंपनी ने कहा था कि उसे खाने के तेलों के दाम कम होने से घाटा हुआ है.
ऐसा है विल्मर का बिजनेस
अडानी विल्मर की स्थापना जनवरी 1999 में हुई थी. अभी भारत के 10 राज्यों में अडानी विल्मर के 23 प्लांट हैं. फॉर्च्यून अडानी विल्मर का फ्लैगशिप ब्रांड है, जिसके तहत खाने के तेलों की बिक्री की जाती है.
600 रुपये के पार था शेयर
अडानी समूह के बाहर निकलने की खबर के बाद अडानी विल्मर के शेयरों में गिरावट देखी जा रही थी. गुरुवार को अडानी विल्मर का शेयर 1.11 फीसदी गिरकर 373.95 रुपये पर बंद हुआ. इस साल की शुरुआत में अडानी विल्मर के एक शेयर का भाव 600 रुपये के पार था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी समूह की अन्य कंपनियों की तरह अडानी विल्मर को भी खासा नुकसान उठाना पड़ा है.
ये भी पढ़ें: इस बैंक के अकाउंट में नहीं, शेयर में लगाएं पैसा... हर साल कर देता है डबल