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Health Insurance: सिर्फ बीमारियों के इलाज से आगे बढ़ रही है बीमा इंडस्ट्री, होने लगे हैं ऐसे बदलाव

Insurance Industry: लोग अब इलाज के बजाय सेहत को अच्छा रखने को अधिक तवज्जो दे रहे हैं, जो अब स्वास्थ्य बीमा उद्योग को प्रोएक्टिव देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित कर रही है.

(मयंक बथवाल)

स्वास्थ्य बीमा को परंपरागत रूप से किसी बीमारी की स्थिति में अचानक अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर करने के लिए वित्तीय सुरक्षा के रूप में देखा जाता है. इसीलिए, ज्यादातर स्वास्थ्य बीमा कंपनियां जरूरत पड़ने पर वित्तीय सहायता प्रदान करने में दक्षता की बात करती हैं और ग्राहक के स्वास्थ्य के बारे में उन्हें उतनी फिक्र नहीं होती.

बढ़ रही हैं लोगों की उम्मीदें

स्वास्थ्य संबंधी वित्तीय संकट के दौरान समय पर वित्तीय सहायता महत्वपूर्ण है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह उपभोक्ता के लिए पर्याप्त है? स्वास्थ्य बीमा की भूमिका बड़ी होनी चाहिए. उन्हें अच्छे और बुरे दोनों समय के दौरान लोगों को स्वस्थ रखने में अधिक महत्वपूर्ण और आकर्षक भूमिका निभानी चाहिए. उपभोक्ता आज अधिक जागरूक हैं और विशेष रूप से कोविड के बाद उनकी अपेक्षाओं में बड़ा बदलाव आया है. वे अपने स्वास्थ्य बीमा से अचानक आई बीमारी के दौरान वित्तीय सुरक्षा के अलावा भी उम्मीदें होती हैं.

क्या कहता है बीमा पर नया शोध

हमारे नए शोध, न्यू हेल्थ नॉर्मल रिपोर्ट के अनुसार, 84% प्रतिभागियों का मानना है कि कोविड के बाद स्वास्थ्य और कल्याण संबंधी मुद्दों के बारे में उनकी जागरूकता बढ़ी है. हमारे शोध में आधे से अधिक उत्तरदाताओं (52%) का दावा है कि अचानक आने वाली चिकित्सा जरूरतों के लिए उन्होंने पैसे अलग रख दिए हैं. इसके अलावा, 85% उत्तरदाताओं का दावा है कि वे सुख-सुविधा वाली कुछ खर्चों में कटौती करने पर विचार करेंगे, ताकि वे स्वास्थ्य बीमा पर अधिक खर्च कर सकें.

इन पहलुओं पर ध्यान दे रहे लोग

अच्छी बात है कि लोग अब इलाज से संबंधित लाभों के बजाय सेहत को अच्छा रखने को अधिक तवज्जो दे रहे हैं, जो अब स्वास्थ्य बीमा उद्योग को रिएक्टिव देखभाल के बजाय प्रोएक्टिव देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित कर रही है. स्वस्थ जीवन शैली और निवारक देखभाल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए यह उद्योग धीरे-धीरे कल्याण-उन्मुख दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहा है.

"स्वास्थ्य पहले और बीमा बाद में" का सिद्धांत दुनिया भर में स्वास्थ्य बीमा उद्योग में इस विकास को रेखांकित करता है. आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस भारत में स्वास्थ्य बीमा के इस मॉडल में अग्रणी है, जो हमारे ग्राहकों के लिए प्रोएक्टिव स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करके क्षतिपूर्ति-आधारित मॉडल की सीमाओं को पार करता है.

यह सोच आज के स्वास्थ्य देखभाल के माहौल में विशेष रूप से प्रासंगिक है, जहां इलाज की लागत आसमान छू रही है और बीमा कवरेज अक्सर अपर्याप्त साबित होता है. इसने निवारक स्वास्थ्य देखभाल उपायों और पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज की आवश्यकता का अचानक अहसास कराया है.

कम प्राणघातक नहीं ये बीमारियां

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, असंक्रामक रोगों (एनसीडी) के चलते हर साल दुनिया भर में 4.1 करोड़ लोगों की जान जाती है, जिनमें हृदय रोग एक प्रमुख कारण है. तंबाकू का उपयोग, शारीरिक निष्क्रियता, अस्वास्थ्यकर आहार और शराब का हानिकारक सेवन, ये सभी एनसीडी के खतरे को बढ़ाते हैं. इसी तरह, ओपीडी या आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च आज सभी स्वास्थ्य देखभाल खर्चों का 60% है और ज्यादातर सामान्य मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत ये कवर नहीं होते हैं. इसलिए, लोगों का ध्यान इन व्यवहार संबंधी जोखिमों की ओर आकर्षित करने और उन्हें अपनी जीवन शैली में बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित किए जाने की अधिक आवश्यकता है. उदाहरण के लिए, लोगों को सकारात्मक स्वास्थ्य व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करना, जैसे कि प्रतिदिन 10,000 कदम चलना, मधुमेह, हृदय रोग और अस्थमा के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. इसी तरह, धूम्रपान छोड़ने या शराब का सेवन कम करने से उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है.

बीमा कंपनियां कर रहीं बदलाव

उपभोक्ताओं को स्वस्थ जीवन शैली पर जोर देने की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए कुछ स्वास्थ्य पॉलिसीज उन पॉलिसीधारकों को प्रीमियम रीन्यू कराने पर या आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय पर छूट प्रदान करती हैं, जो अपने स्वास्थ्य में सुधार के लिए कदम उठाते हैं. इन छूटों में जिम या योग केंद्रों के लिए मुफ्त वाउचर या रियायती सदस्यता भी शामिल हैं. बीमाकर्ता इन फिटनेस चुनौतियों को ग्राहकों के मोबाइल ऐप पर भी पेश करते हैं और कुछ बीमाकर्ता इन ऐप के साथ फिटनेस-ट्रैकिंग डिवाइस को सिंक करने की सुविधा भी प्रदान करते हैं.

लोगों का हो रहा बीमारियों से बचाव

ये पहलें भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के नए दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य ग्राहकों के बीच स्वास्थ्य और कल्याण की संस्कृति को बढ़ावा देना और बीमा कंपनियों को नवीन कल्याण-उन्मुख उत्पाद प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है. इसका परिणाम सभी के लिए लाभदायक है. बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल लागतों के बीच कल्याण कार्यक्रम के साथ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने से लोगों को अपने चिकित्सा बिलों पर पैसे बचाने में मदद मिल सकती है. यह उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, गुणवत्तापूर्ण देखभाल तक पहुंच प्रदान करता है और पुरानी बीमारियों से बचाता है.

वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं के लिए अपार अवसर देता है, क्योंकि उनके पास ऐसा एक बड़ा मौजूद है जिसमें अभी किसी की पैठ नहीं है. वर्तमान सामाजिक रुझान और एआई-संचालित तकनीकी नवाचार इन बाधाओं को कम करने तथा भारत के कल्याण उन्मुख बीमा उत्पाद बाजार के विकास को बढ़ावा देने के लिए बेहद आवश्यक हैं, जिनसे अंततः स्वस्थ, समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान दिया जा सकेगा.

(लेखक आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के सीईओ हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.)

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