नई दिल्लीः ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी से अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर बहुत फर्क पड़ रहा है. और इसका असर सोने के दामों पर भी पड़ा है. पिछले सप्ताह सोने के भावों में 29 डॉलर से अधिक बढ़ते हुई. ऐसा माना जा रहा है अभी सोने के भावों में और भी उछाल आएगा. 2019 में सोने में निवेश करने वाले लोगों को अच्छा रिटर्न मिला. ऐसे में माना जा रहा है कि इस साल भी सोने के भावों में निवेश करने वालों को अच्छी रिटर्न का बेहतर विकल्प मिल सकता है.
पिछले 4 महीनों से भी अधिक समय से इंटरनेशनल मार्केट में सोने के दाम आसमान छू रहे हैं. वहीं देश में सोने का भाव 40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंचकर नए रिकॉर्ड बना रहा है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि आने वाले तीन महीनों में ये भाव और अधिक बढ़ सकता है. चलिए जानते हैं सोने के दामों में तेजी होने के कारण.
अमेरिकी एयरस्ट्राइक के दौरान ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ गया है. इससे सोने के दामों को बढ़ने का सपोर्ट मिल रहा है.
अमेरिका और चीन के बीच पिछले डेढ साल में व्यापारिक मसलों के टकराव के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार धीमी हो गई है. इसी कारण 2019 में सोने के दामों में उछाल आया.
वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती और डॉलर में कमजोरी भी सोने के दामों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है.
जब भी कोई चीज ट्रेंड में आती है खासतौर पर गोल्ड तो देखा गया है कि गोल्ड जब महंगा होता है तो 3 से 4 साल तक तेजी का ट्रेंड बरकरार रहता है.
गोल्ड को एक सुरक्षित निवेश के तौर पर जाना जाता है. ऐसे में 2019 में देश में लोगों को गोल्ड से लगभग 24 फीसदी का रिटर्न मिला है और दुनियाभर में ये रिटर्न लगभग 19 फीसदी था. इस कारण भी सोने के भावों में तेजी हो रही है.
केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की अधिक खरीददारी करने के ट्रेंड के चलते भी सोने के दामों में तेजी आई है.
रियल स्टेट के क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा उठना या यूं कहें कि निवेश ना करना और सोने को निवेश के लिए सुरक्षित विकल्प मानना इसके दामों में तेजी का कारण है.
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