नई दिल्लीः हवाई सफर में आपका गलत व्यवहार आपको जिंदगी भर तक के लिए भी आपके हवाई सफर पर रोक लगा सकता है. ये मुमकिन हो सकेगा नो फ्लाई लिस्ट की बदौलत. विमानन मंत्रालय ने इस लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया का मसौदा जारी किया है. विभिन्न पक्षों से राय-मशविरा करने के बाद 30 जून तक इस प्रक्रिया को अंतिम रुप दे दिया जाएगा.
सांसद रविंद्र गायकवाड की एयर इंडिया कर्मचारियों के साथ कथित तौर पर मारपीट के बाद इस तरह के लिस्ट को जल्द ही तैयार करने की मांग उठी. मारपीट के आरोपों के चलते गायकवाड पर एयर इंडिया के साथ तमाम एयरलाइंस ने अपनी उड़ान पर रोक लगा दी. बाद में विमानन मंत्रालय की सलाह पर 7 अप्रैल को ये पाबंदी उठा ली गयी, लेकिन नो फ्लाई लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया जारी रही.
प्रक्रिया के मसौदे के मुताबिक, गलत व्यवहार को तीन वर्गों में बांटा गया है और उसी हिसाब से उड़ान पर पाबंदी का समय तय किया गया है:
- पहले किस्म के गलत व्यवहार में मुख्य रुप से गाली गलौज करना शामिल है. इस व्यवहार की वजह से तीन महीने तक उड़ान पर रोक लग सकती है
- दूसरे किस्म के व्यवहार में धक्का देना, लात मारना और सेक्सुअल हैरसमेंट मुख्य रुप से शामिल हैं. इस व्यवहार की वजह से छह महीने तक उड़ान पर रोक लग सकती है.
- तीसरे किस्म के गलत व्यवहार में विमानकर्मियों की जान की खतरा या फिर विमान को नुकसान करने से जुड़े व्यवहार शामिल है. इसमें दो साल या उससे ज्यादा समय तक के लिए उड़ान पर रोक लग सकती है. रोक की मियाद जिंदगी भर के लिए भी हो सकती है.
- अगर एक ही व्यवहार दोबारा किया तो दुगने समय तक हवाई यात्रा पर पाबंदी लग सकती है.
गलत व्यवहार के बाद नो फ्लाई लिस्ट में शामिल करने की प्रक्रिया का भी खाका खींचा गया है. साथ ही प्रभावित यात्री की शिकायत की निबटारे की व्यवस्था की गयी है. मसौदे के मुताबिक,
- किसी भी एयरलाइंस पर अगर गलत व्यवहार किया गया है तो उसे ध्यान मे रखते हुए नो फ्लाई में शामिल करने पर फैसला एय़रलाइंस की एक कमेटी करेगी.
- इस कमेटी के मुखिया रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट या सेशन जज करेंगे. कमेटी 10 दिनों में अपना फैसला सुना देगी.
- 10 दिनों के दौरान उस एयरलाइंस पर संबंधित यात्रा सफर नहीं कर सकेगा. और अगर नो फ्लाई लिस्ट में शामिल कर लिया गया तो उसके बाद बाकी एयरलाइंस चाहें तो उस पर रोक लगा सकते हैं या फिर नहीं.
फैसले के खिलाफ प्रभावित यात्री सरकार की ओर हाईकोर्ट के रिटार्यड जज की अध्यक्षता में गठित एक समिति के सामने अपील कर सकता है. अपील का निबटारा तय समय-सीमा के भीतर होगा.
गलत व्यवहार की यात्रियों की पहचान मुकम्मल करने के लिए टिकट बुक कराते समय आधार, वोटर आईडी या फिर पैन की जानकारी देने का प्रस्ताव है. इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि अगर यात्री ने वोटर आईडी पहचान के तौर पर दिया है, नो फ्लाई लिस्ट में आ जाता है और फिर आधार के सहारे फिर से टिकट बुक कराने की कोशिश करता है तो उसे कैसे रोका जाए. अगर दी गयी जानकारी नो फ्लाई लिस्ट में शामिल यात्री के जानकारी से मेल खा जाता है तो उसके लिए उड़ान भरना मुमकिन नहीं हो सकेगा.
नो फ्लाई लिस्ट के रखरखाव की जिम्मेदारी विमानन बाजार के रेग्युलेटर की होगी. एक बात और, अगर सुरक्षा एजेंसियों ने किसी का नाम नो फ्लाई लिस्ट के लिए प्रस्तावित किया है तो उसे यात्री को कहीं भी अपील का अधिकार नहीं होगा.
विमानन मंत्रालय का ये भी कहना है कि टिकट बुक कराने समय आधार जानकारी देने का प्रावधान करने पर विचार किया जा रहा है. इससे यात्री की विशिष्ट पहचान बन जाएगी और उससे न केवल नो फ्लाई लिस्ट तैयार करने और उसे लागू करने में मदद मिलेगी, बल्कि यात्रियों के लिए भी कई तरह की सहूलियतें जैसे बोर्डिंग में आसानी मुमकिन हो सकेगा.