Unicorn Update: खत्म हुआ महीनों का सूखा, लंबे इंतजार के बाद भारत को मिला नया यूनिकॉर्न
New Unicorn: किसी भारतीय स्टार्टअप को यूनिकॉर्न का दर्जा पाए साल भर से ज्यादा समय हो गया था. यूनिकॉर्न ऐसी स्टार्टअप कंपनी को कहा जाता है, जिसकी वैल्यू 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाती है...
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फंडिंग की समस्या से जूझ रहे स्टार्टअप जगत को जेप्टो ने बड़ी खुशखबरी दी है. मुंबई बेस्ड क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो ने ताजे फंडिंग राउंड में बढ़िया रकम जुटाने में सफलता हासिल की है. इसने न सिर्फ स्टार्टअप फंडिंग विंटर से राहत दी है, बल्कि महीनों के अंतराल के बाद भारत को पहला नया यूनिकॉर्न भी मिला है.
ऐसे स्टार्टअप को कहते हैं यूनिकॉर्न
ताजे फंडिंग राउंड में जेप्टो को 200 मिलियन डॉलर जुटाने में सफलता हाथ लगी है. इस राउंड में क्विक कॉमर्स कंपनी की वैल्यू 1.4 बिलियन डॉलर आंकी गई है. अगर किसी कंपनी की वैल्यू 1 बिलियन डॉलर हो जाती है तो उसे यूनिकॉर्न का दर्जा मिल जाता है. जब स्टार्टअप कंपनियों को खूब फंडिंग मिल रही थी, तब देश में दनादन नए-नए यूनिकॉर्न सामने आ रहे थे. हालांकि पिछले एक साल से इस मामले में सूखे की स्थिति थी.
फंडिंग की समस्या से परेशान
पिछले एक-डेढ़ साल से दुनियाभर में स्टार्टअप कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वैश्विक आर्थिक स्थितियां चुनौतीपूर्ण होते ही इन नई कंपनियों को फंडिंग के मोर्चे पर दिक्कतें होने लग गईं. इसके चलते कई स्टार्टअप को बोरिया-बिस्तर समेटना पड़ गया तो कइयों ने बड़े पैमाने पर छंटनी कर खुद को बचाने का प्रयास किया. फंडिंग की इस कमी के लिए स्टार्टअप फंडिंग विंटर टर्म कॉइन किया गया. इससे भारतीय स्टार्टअप जगत भी अछूता नहीं रहा.
इन निवेशकों ने जताया भरोसा
जेप्टो के ताजे फंडिंग राउंड की बात करें तो इसमें StepStone Group और Goodwater Capital जैसे नए निवेशकों, Nexus Venture Partners और GladeBrook Capital जैसे पुराने निवेशकों व इंडिविजुअल इन्वेस्टर Lachy Groom ने हिस्सा लिया. जेप्टो ने इससे पहले मई 2022 में भी 200 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया था. उस समय कंपनी की वैल्यू 900 मिलियन डॉलर आंकी गई थी.
अब तक 6 बार मिली फंडिंग
Tracxn पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जेप्टो को अब तक छह बार फंडिंग मिल चुकी है. जेप्टो को सबसे पहले 2020 में वाई कम्बिनेटर से सीड फंडिंग मिली थी. उसके बाद क्विक कॉमर्स स्टार्टअप कंपनी ने लगातार फंड जुटाने में सफलता हासिल की. हालांकि इस बार जेप्टो को फंड जुटाने में 1 साल से ज्यादा का समय लग गया.
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