मैन्यूफैक्चरिंग के बाद अब सर्विस सेक्टर में भी रफ्तार, नौकरियां बढ़ाने के लिहाज से बेहद जरूरी है इस सेक्टर का बढ़िया प्रदर्शन
पीएमआई में 50 से ज्यादा स्कोर कारोबारी गतिविधियों में रफ्तार को दिखाता है. जबकि 50 से कम का स्कोर इसमें गिरावट को दर्शाता है.
आर्थिक गतिविधियों के कोरोना संक्रमण के दौर से निकलने के संकेत मिलने लगे हैं. पहले मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर और अब सर्विस सेक्टर के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स में उछाल ने साबित कर दिया है कि इकनॉमी अपने सबसे बुरे दौर से धीरे-धीरे उबर रही है. अक्टूबर में पिछले सात महीने के दौरान पहली बार सर्विस सेक्टर का इंडेक्स 54.1 पर रहा है. सितंबर में यह 49.8 पर था.
50 से ऊपर का स्कोर बेहतर दौर की निशानी
पीएमआई में 50 से ज्यादा स्कोर कारोबारी गतिविधियों में रफ्तार को दिखाता है. जबकि 50 से कम का स्कोर इसमें गिरावट को दर्शाता है. कोरोना संक्रमण ने जिस तरह तरह से टूर-ट्रैवल, होटल-रेस्तरां, एविएशन सेक्टर समेत सर्विस सेक्टर के कुछ उद्योगों को गहरी चोट पहुंचाई है, उसमें सर्विस पीएमआई का बढ़ना इकनॉमी को लेकर नई उम्मीद जगाता है.पीएमआई बनाने वाली आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेज की एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लामा के मुताबिक भारत के सर्विस सेक्टर में भी मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की तरह रफ्तार दिखने लगी है. सर्विस सेक्टर को मिलने वाले ऑर्डर को देखते हुए यह उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले कुछ महीनों में इस सेक्टर के कारोबार में और इजाफा होगा.
अभी और बढ़ेगी सर्विस सेक्टर की रफ्तार
नवंबर-दिसंबर में कर्मचारियों के दफ्तरों में लौटने का भी असर कारोबार पर होगा. कई राज्यों में लॉकडाउन से जुड़े प्रतिबंधों में अब ढील दी जा रही है. लिहाजा सप्लाई चेन में सुधार हुआ है. यही वजह है की सर्विस सेक्टर के पीएमआई में इसका सकारात्मक असर दिख रहा है. आईएचएस मार्किट सर्विसेज का कंपोजिट पीएमआई अक्टूबर में बढ़ कर 58 पर पहुंच गया. सितंबर में यह 54.6 था. यह इंडेक्स मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के ग्रोथ को दर्शाता है. पिछले कुछ दिनों में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी बढ़ा है.
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