Share Market Outlook: भारतीय शेयर बाजार के लिए कंपनियों के तिमाही नतीजों का सीजन लगभग खत्म हो गया है. ऐसे में कम कारोबारी सत्रों वाले इस पूरे हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार की दिशा काफी हद तक वैश्विक रुख से तय होगी. विश्लेषकों की राय यह है कि मौजूदा समय में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बढ़ती महंगाई के प्रभाव का आंकलन कर रहे हैं.
महंगाई से चिंता
इसके अलावा पिछले हफ्ते ही अमेरिका और चीन ने महंगाई के जो आंकड़े जारी किए हैं उनसे उम्मीद से पहले ब्याज दरों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. अमेरिका (US) में अक्टूबर में महंगाई सालाना आधार पर 30 साल के उच्चस्तर 6.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
वहीं चीन (China) में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत बढ़ा है. उत्पादक मूल्य सूचकांक में सालाना आधार पर 13.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. मुद्रास्फीति की चिंता तथा उम्मीद से पहले ब्याज दरों में बढ़ोतरी से स्थानीय बाजार प्रभावित हो सकते हैं. इस तरह के संकेतकों की वजह से विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से अपनी पूंजी निकाल सकते हैं.
पिछले हफ्ते 1 फीसदी चढ़े बाजार
भारतीय बाजार लगातार 3 दिन की गिरावट के बाद शुक्रवार को हरे निशान पर बंद हुए. पूरे हफ्ते की बात की जाए तो सेंसेक्स 619.07 अंक या 1.03 प्रतिशत चढ़ गया.
गिरावट की आशंका
ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि तिमाही नतीजों और त्योहारों का सीजन अब पीछे छूट चुका है. ऐसे में बाजार प्रभावित हो सकते हैं. मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की वजह से यदि विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाली करते हैं, तो स्थानीय कंपनियों का समर्थन नहीं मिलने पर यहां बाजारों में गिरावट आएगी.
इस सप्ताह कम कारोबारी सत्र रहेंगे. शुक्रवार को गुरुनानक जयंती पर बाजार में अवकाश रहेगा. तिमाही नतीजों का सीजन समाप्त हो चुका है.
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