Illegal Digital Lending Apps: गैरकानूनी तरीके से चल रहे डिजिटल मोबाइल लेंडिंग एप के खिलाफ मिली 2562 शिकायतें, सरकार ने दी जानकारी
Digital Lending Apps: सरकार ने संसद को बताया है कि अलग अलग राज्यों में इन डिजिटल लेंडिंग एप के खिलाफ 2562 शिकायतें मिली हैं.
Illegal Digital Lending Apps: देश में 600 से ज्यादा गैरकानूनी लेंडिंग एप्स( Illegal Digital Lending Apps ) चल रही हैं. सरकार ने संसद को बताया है कि अलग अलग राज्यों में इन डिजिटल लेंडिंग एप के खिलाफ 2562 शिकायतें मिली हैं. वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के जवाब में ये जानकारी दी है.
27 App को किया गया ब्लॉक
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड के मुताबिक सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने ऐसे 27 गैरकानूनी लेंडिंग एप को ब्लाक किया है. साथ ही आरबीआई ने सचेत नाम से एक पोर्टल लॉन्च किया है जिस पर जनवरी 2020 से लेकर मार्च 2021 के बीच डिजिटल लेंडिंग एप्स के खिलाफ 2562 शिकायतें मिली है. वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि आरबीआई को गैरकानूनी डिजिटल लेंडिंग एप्स के खिलाफ शिकायतों को निपटारे के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है. साथ ही आरबीआई ने आम लोगों को डिजिटल लेंडिंग मोबाइल एप्स के गैरकानूनी कार्य के खिलाफ सचेत रहने को कहा है. उन्होंने बताया कि आरबीआई ने कर्ज लेने से पहले इन एप्स के रिकॉर्ड की जांच परख करने को कहा है. आरबीआई ने राज्य सरकारों को भी एडवाइजरी जारी कर गैरकानूनी डिजिटल लेंडिंग मोबाइल एप्स पर नजर रखने को कहा है.
ज्यादा ब्याज वसूलने का है आरोप
डिजिटल लेंडिंग मोबाइल एप्स पर सबसे बड़ा आरोप है कि ये बहुत ज्यादा ब्याज वसूलती है साथ ही भारी भरकम प्रोसेसिंग फीस भी वसूलते हैं. इसके अलावा कर्ज अदायगी को लेकर अपने कस्टमर्स का उत्पीड़न भी करती हैं. ऐसे डिजिटल एप के खिलाफ कंपनी मामलों के मंत्रालल के अधीन रजिस्ट्रा ऑफ कंपनीज और आर्थिक अपराध शाखा के खिलाफ कारवाई के लिये शिकायतें भेजी जाती है क्योंकि इन्हें आरबीआई रेग्युलेट नहीं करती.
आरबीआई की वर्किंग ग्रुप
ऐसी फिनटेक ( Fintech) कंपनियां जो गैरकानूनी तरीके से Digital Lending Apps चला रही है जिसके जरिये लोगों को कर्ज दे रही हैं उनपर शिंकजा कसने के लिए सिफारिश करते हुए डिजिटल लेडिंग पर गठित आरबीआई ( Reserve Bank of India) के वर्किंग ग्रुप ( Working Group) में बीते वर्ष रिपोर्ट सौंपी है.
वर्किंग ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में कहा है देश में आधे से ज्यादा Digital Lending Apps गैरकानूनी ( Illegal) तौर पर चल रहे हैं. आरबीआई के वर्किंग ग्रुप ने ये रिपोर्ट ग्राहकों के हितों की रक्षा ( Consumer Protection) करने और डिजिटल लेंडिंग इकोसिस्टम को सुरक्षित ( Safe Digital Ecosystem) बनाने के मकसद से तैयार किया है. वर्किंग ग्रुप ने डिजिटल लेंडिंग इकोसिस्टम के भागीदारों द्वारा Self-Regulatory Organisation (SRO) बनाने का भी सुझाव दिया है.
ये भी पढ़ें