(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RBI Guidelines: आरबीआई ने कहा, कानून के दायरे में रहकर कर्ज वसूली का काम करें आउटसोर्स एजेंट
RBI का कहना है कि कर्ज लेने वालों के रिश्तेदारों, जान पहचान के लोगों को तंग करने की घटनाओं पर रोक लगाई जाए. ये सर्कुलर सभी कॉमर्शियल बैंक, सभी नॉन बैंक फाइनेंशियल कंपनीज पर लागू है.
RBI Guidelines For Loan Recovery Agents: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने शुक्रवार को साफ तौर पर कहा है कि वह कर्जदाताओं की तरफ से कर्ज वसूली का जिम्मा आउटसोर्स किए जाने के खिलाफ बिल्कुल नहीं है, लेकिन यह काम कानूनी दायरे के अंदर होना चाहिए.
आरबीआई ने पिछले हफ्ते महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज (Mahindra & Mahindra Financial Services) को अपने बकाया कर्ज की वसूली के लिए तीसरे पक्ष की सेवाएं (Outsource Service) लेने से रोक दिया था. आपको बता दें कि RBI ने यह कदम झारखंड के हजारीबाग में एक वसूली एजेंट द्वारा चलाए जा रहे एक ट्रैक्टर के नीचे कुचलकर एक गर्भवती महिला की मौत हो जाने से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद उठाया था.
क्या बोले, डिप्टी गवर्नर
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन (RBI Deputy Governor MK Jain) ने महिंद्रा फाइनेंस के खिलाफ उठाए कदम के बारे में कहा कि केंद्रीय बैंक का कर्जदाता संस्थानों से कर्ज वसूली के लिए प्रयास करने का अधिकार छिनने का मकसद बिलकुल भी नहीं है. उन्होंने कहा कि ‘‘हमारी बस यह अपेक्षा है कि यह काम कानूनी दायरे के भीतर रहकर होना चाहिए.
कंपनी के खिलाफ कार्रवाई
डिप्टी गवर्नर का कहना हैं कि आरबीआई नहीं चाहता है कि कर्जदाता संस्थानों पर उसके इस कदम का कोई प्रभाव पड़े. इसके साथ स्पष्ट हैं कि इस मामले में RBI की यह कार्रवाई कंपनी के खिलाफ है. जैन ने कहा कि आरबीआई पहले ही कर्ज वसूली का जिम्मा आउटसोर्स किए जाने के बारे में अपने दिशा-निर्देश जारी कर चुका है. केंद्रीय बैंक उम्मीद करता है कि वित्तीय संस्थान स्वीकृत नीतियों के अनुरूप ही इस गतिविधि का संचालन करेंगे. इस मौके पर आरबीआई के एक अन्य डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव का कहना हैं कि वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग एवं वसूली एजेंट के दायित्व से संबंधित एक परिपत्र अगस्त में जारी किया जा चुका है.
सभी बैंको को सर्कुलर जारी
RBI का कहना है कि कर्ज लेने वालों के रिश्तेदारों, जान पहचान के लोगों को तंग करने की घटनाओं को भी रोकें. ये सर्कुलर सभी कॉमर्शियल बैंक (Commercial Bank), सभी नॉन बैंक फाइनेंशियल कंपनीज (Non Bank Financial Companies), एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनीज (Asset Reconstruction Company), ऑल इंडिया फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस (All India Financial Institutions) और सभी प्राइमरी अर्बन कॉपरेटिव बैंकों (Urban Cooperative Banks) पर लागू है.
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