मलयेशिया की एयरलाइंस कंपनी एयर एशिया ने भारत से अपना कारोबार समेटने के संकेत दिए हैं. भारत में टाटा ग्रुप के साथ इसका ज्वाइंट वेंचर है. एयर एशिया ग्रुप (एयरलाइंस) के प्रेसिडेंट बो लिंगम ने एक बयान जारी कर कहा है कि कंपनी का जापान और भारत के कारोबार में काफी कैश खर्च हो रहा है. इससे पूरा ग्रुप वित्तीय संकट में फंसता जा रहा है.


जापान और भारत के कारोबार पर भारी खर्चे का बोझ 


बो लिंगम ने कहा कि भारत में कारोबार के दौरान कैश खर्च में कमी और लागत घटाना इसका अहम लक्ष्य है. एयर एशिया ने जापान में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया है. कंपनी एशिया में अपने निवेश की समीक्षा कर रही है. इससे ऐसा लगता है कि जापान के बाद कंपनी भारत में भी अपना ऑपरेशन बंद कर सकती है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि कंपनी टाटा समूह को अपनी 49 फीसदी हिस्सेदार बेच कर इससे निकल जाना चाहती है. पिछले महीने एयर एशिया ने जापान में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया था.


भारतीय मार्केट में पिछड़ रही है एयर एशिया 


डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में 58.4 फीसदी लोड फैक्टर के साथ ऑपरेट कर रही थी. घरेलू एयर पैसेंजर मार्केट में एयर एशिया की छह फीसदी हिस्सेदारी है. इस दौरान एयरलाइंस के विमानों से 2.4 लाख यात्रियों ने यात्रा की . इसके उलट, मार्केट लीडर इंडिगो का लोड फैक्टर 65.4 फीसदी था. घरेलू एयर पैसेंजर मार्केट में इसकी हिस्सेदारी 57.5 फीसदी है. एक महीने में इसके विमान से 22.7 लाख यात्रियों ने यात्रा की.


जुलाई में एयर एशिया इंडिया के यात्रियों में 79 फीसदी का इजाफा हुआ था. वहीं एयर एशिया थाईलैंड के यात्रियों में 65 फीसदी का इजाफा हुआ था. एयर एशिया मलयेशिया के यात्रियों में 36 फीसदी का इजाफा हुआ था. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से दूसरी एयरलाइंस कंपनियों की तरह इसके कारोबार पर भी असर पड़ा है.


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