कहावत है कि किसी एक शोक दूसरे का उत्सव हो जाता है. यह कहावत भारतीय विमानन क्षेत्र (Indian Aviation Sector) में चरितार्थ होती दिख रही है. बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाने वाला भारतीय विमानन क्षेत्र फिर से एक एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट (Go First Crisis) की मौत का गवाह बन रहा है. कंपनी का राहत पाने का अंतिम उपाय भी व्यर्थ जाता दिख रहा है. ऐसे में इस संकट से टाटा समूह की एयरलाइन एअर इंडिया (Air India) को खासा लाभ मिल सकता है.


एनसीएलटी ने रखा फैसला सुरक्षित


किफायती विमानन सेवा देने वाली कंपनी गो फर्स्ट राहत पाने के अंतिम उपाय के तहत एनसीएलटी (NCLT) के पास गई थी. कंपनी ने एनसीएलटी के पास खुद ही इन्सोल्वेंसी की अपील दायर करते हुए कर्जदाताओं, विमान लीज पर देने वालों और ईंधन आपूर्ति करने वालों आदि से फौरी राहत की मांग की थी. एनसीएलटी ने कंपनी की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया. हालांकि सुनवाई के दौरान एनसीएलटी की पीठ के संकेत गो फर्स्ट के लिए निराशाजनक रहे. पीठ ने साफ कहा कि आईबीसी के तहत अंतरिम तौर पर मोरेटोरियम का कोई प्रावधान नहीं है. अगर ट्रिब्यूनल याचिका को स्वीकार करती है तो सिर्फ एब्सॉल्यूट मोरेटोरियम का प्रावधान है.


इतने हजार लोगों की नौकरी पर संकट


गो फर्स्ट के कोलैप्स होने से उसके कर्मचारियों के सामने भी गंभीर संकट खड़ा हो गया है. गो फर्स्ट के साथ अभी करीब 5000 लोग काम कर रहे थे. इसमें पायलट व कैप्टन समेत चालक दल के अन्य तमाम सदस्य शामिल हैं. अब ये लोग एअर इंडिया और इंडिगो जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों में नौकरी की तलाश कर रहे हैं. इस संकट से टाटा समूह की विमानन कंपनी एअर इंडिया को खासा फायदा हो सकता है, क्योंकि यह कंपनी अपने पायलटों के साथ जारी विवाद के बीच बेड़े में हो रहे विस्तार के लिए नई भर्तियां कर रही है.


एअर इंडिया को बड़े स्तर पर जरूरत


एअर इंडिया ने हाल ही में विमानों का भारी-भरकम ऑर्डर दिया है. टाटा समूह की कंपनी अपने बेड़े में करीब 500 विमानों को शामिल करने वाली है. इससे कंपनी को बड़े पैमाने पर पायलटों, कैप्टनों समेत केबिन व क्रू के मेंबर्स की जरूरत होगी. कंपनी पहले ही इन पदों पर भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी कर चुकी है. एअर इंडिया के विज्ञापन के अनुसार, उसे अभी अपने बेड़े के संचालन के लिए 1000 से ज्यादा पायलटों की जरूरत है.


इन पदों के लिए हो रहा इंटरव्यू


एअर इंडिया मौजूदा बेड़े के परिचालन में ही दिक्कतों का सामना कर रही है. कंपनी को क्रू मेंबर्स की कमी के चलते पिछले महीने पश्चिम एशिया की उड़ानों की संख्या में कटौती करने पर मजबूर होना पड़ा था. बताया जा रहा है कि विमानन कंपनी ए320 विमानों के कमांडर और फर्स्ट ऑफिसर पदों के लिए स्पॉट इंटरव्यू कर रही है. ऐसे में एअर इंडिया को गो फर्स्ट के पूर्व कर्मचारियों के रूप में आसानी से अनुभवी उम्मीदवार मिल सकते हैं, जबकि गो फर्स्ट के ठप होने के बाद उसके कर्मचारियों को नई नौकरी का मौका मिल सकता है.


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