टाटा समूह की विमानन कंपनी एअर इंडिया एक्सप्रेस ने अचानक छुट्टी पर जाने पर कई कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की है. कंपनी ने करीब 25 वैसे कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया है, जो एक साथ सिक लीव पर चले गए थे.
इतने कर्मचारियों की हो गई छुट्टी
एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, किफायती विमानन सेवाएं देने वाली कंपनी एअर इंडिया एक्सप्रेस ने केबिन क्रू के करीब 25 सदस्यों को नौकरी से निकाल दिया है. कंपनी के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, उनके खराब व्यवहार के चलते हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही थी और उड़ानों का परिचालन प्रभावित हो रहा था.
इस कारण अचानक आया संकट
खबरों के अनुसार, एअर इंडिया एक्सप्रेस के लगभग 300 कर्मचारी एक दिन पहले अचानक से सिक लीव पर चले गए थे. एक साथ कई कर्मचारियों के इस तरह छुट्टी पर जाने को मास सिक लीव कहा जाता है. अचानक सिक लीव पर गए कर्मचारियों ने अपने फोन बंद कर लिया था और वे काम पर रिपोर्ट भी नहीं कर रहे थे. इसके चलते कंपनी की उड़ानें प्रभावित हो रही थीं. सूत्रों के अनुसार, कर्मचारियों के इस तरह छुट्टी पर जाने से आज एअर इंडिया एक्सप्रेस की 76 उड़ानों पर असर हुआ है. उनमें से कई उड़ानें रद्द हो गई हैं, जबकि कई के परिचालन में देरी हो रही है, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है.
विस्तारा भी झेल चुकी है संकट
एअर इंडिया एक्सप्रेस प्रमुख घरेलू विमानन कंपनी एअर इंडिया की किफायती विमानन सेवाएं देने वाली अनुषंगी है. टाटा समूह के द्वारा एअर इंडिया का अधिग्रहण किए जाने के बाद एअर इंडिया एक्सप्रेस भी अब समूह का हिस्सा हो गई है. टाटा समूह अपनी अन्य विमानन कंपनियों की मदद से इस संकट के असर को कम करने का प्रयास कर रहा है. इससे पहले समूह की एक अन्य विमानन कंपनी विस्तारा को भी संकटों का सामना करना पड़ चुका है. उस समय एअर इंडिया ने अपने कई पायलटों को विस्तारा में डेपुटेशन पर भेजा था.
कुछ दिनों तक दिख सकता है असर
एअर इंडिया एक्सप्रेस के मैनेजिंग डाइरेक्टर आलोक सिंह ने इस बीच कंपनी के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एक लेटर लिखा है. उन्होंने कहा है- 100 से ज्यादा कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी से ऐन पहले अचानक छुट्टी ले ली, जिससे कंपनी के काम-काज पर असर हुआ है. इसके कारण 90 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित हुई हैं. असर आने वाले दिनों में भी दिख सकता है. हमारे नेटवर्क के सहयोगियों की मदद से असर को कम से कम करने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि एमडी ने अपने लेटर में कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के बारे में कुछ नहीं कहा है.
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