एयर इंडिया पायलट एसोसिएशन की तरफ से नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर उनसे फौरन बैठक बुलाने की मांग की गई है. पायलट एसोसिएशन की तरफ से यह बैठक ‘अनिश्चितकालीन और एकतरफा वेतन में कटौती’ को लेकर की गई है. गौरतलब है कि कोरोना के चलते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस पर रोक के बाद जहां पायलटों के वेतन में कटौती की गई थी तो वहीं कुछ को लीव विदाउट पे पर भेज दिया गया था.
इससे पहले, एयर इंडिया पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) ने बिना पैसे छुट्टी (लीव विदआउट पे) स्कीम पर शिकायत करते हुए एयर इंडिया को लिखा था कि इस बारे में उनसे कोई सलाह मशविरा नहीं की गई। इसमें कहा गया कि जिसे एयर इंडिया की तरफ से दोनों के लिए बेहतर बताया जा रहा है कि उसका फैसला बिना पायलट की सलाह के ही किया गया।
यह योजना कर्मचारियों को स्वैच्छिक आधार पर बिना वेतन छुट्टी पर जाने के लिए लाभ उठाने की है। इस योजना का बचाव करते हुए एयर इंडिया ने कहा था कि इससे कर्मचारियों को एक निश्चित समय के लिए आजादी मिलती है कि वे किसी और नियोक्ता के साथ जुड़ सकें। दूसरी तरफ, इससे एयरलाइन को भी पैसे की बचत होगी। इससे पहले के बयान में एयरलाइन ने कहा था कि वित्तीय चुनौतियों को देखते हुए विमान सेवा जारी रहे इसे सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
इससे पहले, राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने कहा था कि उसकी वित्तीय स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण है और बिना वेतन अवकाश (एलडब्ल्यूपी) योजना कर्मचारियों और प्रबंधन दोनों के लिए लाभ की स्थिति है। एयर इंडिया ने बयान में कहा कि यह योजना मुख्य रूप से स्वैच्छिक आधार पर कर्मचारियों को एलडब्ल्यूपी पर भेजने से संबंधित है।
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