भारत के विमानन सेक्टर में इन दिनों सरगर्मियां तेज है. एक ताजा मामले में तो विमानन कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के बीच कहा-सुनी की जानकारी सामने आई है. यह मामला जुड़ा है टाटा समूह की विमानन कंपनी एअर इंडिया और हाल ही में परिचालन में आई अकासा एयर से.


रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों विमानन कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के बीच ये कहा-सुनी हुई है. आरोप-प्रत्यारोप का यह क्रम चिट्ठियों के माध्यम से हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, चिट्ठी एअर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विलसन के द्वारा अकासा एयर के सीईओ विनय दुबे को लिखी गई है. यह विवाद पायलटों की पोचिंग से जुड़ा हुआ है.


इस मुद्दे पर छिड़ा है विवाद


अकासा एयर का आरोप है कि एअर इंडिया पायलटों की नोटिस पीरियड से जुड़े सरकार के नियमों का उल्लंघन कर रही है. अकासा एयर का कहना है कि सरकार ने पायलटों के लिए 6 से 12 महीने की नोटिस पीरियड का प्रावधान किया है, लेकिन एअर इंडिया इस नियम का पालन नहीं कर रही है. इस कारण इंडियन पायलट्स ग्रुप कोर्ट जा रहा है. वहीं एअर इंडिया का कहना है कि पायलटों को जॉब स्विच करने से रोकना प्रतिस्पर्धा से जुड़े नियमों के खिलाफ है.


अकासा एयर छोड़ रहे कई पायलट


दरअसल कोरोना महामारी के बाद विमानन सेक्टर में तेजी लौट रही है. एयर ट्रैफिक में लगातार सुधार हो रहा है. नई कंपनियों की एंट्री से भी माहौल टाइट हुआ है. आने वाले दिनों को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, जिनके दम पर विमानन कंपनियों ने बीते महीनों के दौरान नए विमानों के रिकॉर्ड ऑर्डर दिए हैं. यही कारण है कि पायलटों को अपने साथ जोड़ने को लेकर खींचतान बढ़ी है. ऐसी खबरें हैं कि बीते कुछ महीनों में अकासा एयर के करीब 10 फीसदी पायलटों ने नौकरी छोड़ी है.


एअर इंडिया के सीईओ की चिट्ठी


अकासा एयर के आरोपों के जवाब में एअर इंडिया के सीईओ के द्वारा लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि पॉलिसी सरकार के नियमों के खिलाफ नहीं है. कैम्पबेल विलसन ने कहा है कि अकासा एयर खुद भी पहले ऐसा काम कर चुकी है, जब उसने टाटा समूह की एअर इंडिया एक्सप्रेस और अन्य विमानन कंपनियों के पायलटों को पोच किया है.


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