(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एयर इंडिया को रोजाना 20 करोड़ ₹ का हो रहा था घाटा, अब विनिवेश के बाद कंपनी के कर्मचारियों का क्या होगा- ये है सरकार का जवाब
Air India News: नागर विमानन मंत्री ने कहा कि वर्ष 2007-08 से 2020-21 तक एयर इंडिया को हर साल 3,000 से 7,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था जो कुल मिलाकर 85,000 करोड़ रुपये का रहा.
Air India News: नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि एयर इंडिया को रोजाना करीब 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था जिस पर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा खर्च हो रहा था, ऐसे में इसके विनिवेश के बाद अब उस पैसे का सदुपयोग सामाजिक विकास के कार्यों के लिये किया जा सकेगा. बता दें कि कुछ समय पहले टाटा ग्रुप को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एयर इंडिया का स्वामित्व हासिल हो गया है.
एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया लोकसभा में जवाब
लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए नागर विमानन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा’ का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि एयर इंडिया की शुरुआत निजी क्षेत्र से हुई, फिर इसका राष्ट्रीयकरण किया गया और कई वर्षों तक इसे सफलतापूर्वक चलाया गया. उन्होंने कहा कि आज एयर इंडिया की जो स्थिति है, उसको लेकर यह समझना होगा कि यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई है ?
विपक्ष पर साधा निशाना
नागर विमानन मंत्री ने कहा कि वर्ष 2005-06 में जब एयर इंडिया केवल करीब 14 करोड़ रुपये के मुनाफे वाली कंपनी थी, उस समय एयर इंडिया द्वारा कुल 111 विमान खरीदने का समझौता किया. विपक्ष पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है कि इसका कारण क्या था ? "इसके क्या कारण हैं, उस पर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं." सिंधिया ने कहा कि तब 111 विमानों को 55,000 करोड़ रुपये का रिण लेकर खरीदा जाता है और बाद में 15 विमान 2013-14 में बेच दिये जाते हैं.
हर साल 7500 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठा रही थी एयर इंडिया
उन्होंने कहा कि इसके अलावा दो बिल्कुल अलग संस्कृति वाली एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्स का विलय किया जाता है और इसके बाद से दोनों लाभ कमाने वाली कंपनी नुकसान में रहने लगीं. मंत्री ने कहा कि वर्ष 2007-08 से 2020-21 तक एयर इंडिया को हर साल 3,000 से 7,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था जो कुल मिलाकर 85,000 करोड़ रुपये का रहा. उन्होंने कहा कि इस तरह 14 साल में 85,000 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ एयर इंडिया भारी कर्ज मे डूब गई.
एयर इंडिया के विनिवेश का फैसला इसलिए लिया गया
सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प लिया कि इस घाटे को बंद करना होगा और विनिवेश करना होगा ताकि देश के और उसकी जनता के पैसे को बचाया जाए और देश के नागरिकों को उज्ज्वला, जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं के जरिये फायदा पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया को एक दिन में लगभग 20 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा था और विनिवेश के बाद अब उस पैसे का उपयोग सामाजिक विकास के लिए किया जा सकता है.
एयर इंडिया के कर्मचारियों के भविष्य के लिए सिंधिया ने दिया ये जवाब
उन्होंने एयर इंडिया के कर्मचारियों के भविष्य को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि हमारे शेयरधारक समझौते में विस्तार से उल्लेख है और पहली शर्त है कि एक साल तक किसी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा. सिंधिया ने कहा कि अगर एक साल के बाद किसी कर्मचारी को हटाना भी है तो केवल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के तहत ही हटाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पूर्ववत सरकारी चिकित्सा सुविधाएं दी जाती रहेंगी.
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