UDAN Scheme: मोदी सरकार की सस्ती हवाई यात्रा स्कीम के तहत उड़ान भरने वाले यात्रियों की संख्या में बड़ी गिरावट, संसदीय समिति ने जताई चिंता
Regional Connectivity Scheme: साल 2017 में मोदी सरकार सस्ती हवाई यात्रा स्कीम लेकर आई थी जिसके तहत हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सकें.

UDAN Scheme: देश में हवाई चप्पल पहने वाले भी हवाई यात्रा कर सके इसके लिए मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम - उड़े देश का आम नागरिक (Regional Connectivity Scheme – Ude Desh ka Aam Nagrik (RCS-UDAN) के तहत हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है जिसे लेकर संसद की स्थाई समिति ( Parliament Standing Committee) ने चिंता जाहिर की है.
घट गई हवाई यात्रियों की संख्या
संसदीय समिति ने कहा कि उड़ान स्कीम में रिजनल कनेक्टिविटी के तहत हवाई यात्रा करने वाली यात्रियों की संख्या 2021-22 में 33 लाख थी जो वित्त वर्ष 2022-23 में 31 जनवरी 2023 तक केवल 20 लाख रह गई है. समिति ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से उड़ान-स्कीम के तहत यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट का कारण पूछा है. समिति ने मंत्रालय से 2023-24 में स्कीम के तहत यात्रियों की संख्या को बढ़ाकर फिर से 30 लाख करने का प्लान भी बताने को कहा है.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिजनल पैसेंजर स्कीम के तहत 2017-18 में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 3 लाख थी, जो 2018-19 में बढ़कर 12 लाख हो गई. 2019-20 में 31 लाख लोगों ने योजना का लाभ लिया. 2020-21 में यात्रियों की संख्या घटकर 15 लाख रह गई. लेकिन 2021-22 में संख्या फिर बढ़कर 33 लाख हो गई. लेकिन 2022-23 में संख्या में गिरावट नजर आ रही है और केवल 20 लाख रह गई है.
2022-23 में 54 फीसदी फंड का हो सका इस्तेमाल
समिति ने कहा कि 2017-18 में स्कीम के लिए आवंटित 100 फीसदी बजट का इस्तेमाल किया गया था. 2018-19 में 91.61 फीसदी, 2019-20 में 108.26 फीसदी, 2020-21 में 100 फीसदी, 2021-22 में 98.62 फीसदी आवंटित बजट का इस्तेमाल किया गया था. 2022-23 में रिवाईज्ड एस्टीमेट का 31 जनवरी 2023 तक स्कीम के लिए आवंटित केवल 53.67 फीसदी बजट का ही इस्तेमाल हो सकता है. समिति ने कहा कि 2022-23 में स्कीम के लिए 1078.81 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जिसमें से केवल 578.98 करोड़ रुपये ही खर्च किया जा सका है. समिति ने कहा कि जिस रफ्तार में स्कीम पर पैसा खर्च किया जा रहा है लगता नहीं कि आवंटित पूरे पैसे का इस्तेमाल किया जा सकेगा. समिति ने मंत्रालय से कम खर्च के कारणों का कारण पूछा है.
बेहतर तरीके से हो बजट का इस्तेमाल
संसद की समिति ने कहा कि 2023-24 में स्कीम के लिए 1244.07 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. समिति ने मंत्रालय से स्कीम के लिए आवंटित बजट को पूरी तरह खर्च करने की नसीहत देते हुए बेहतर तरीके से स्कीम के बेहतर क्रियान्वन के लिए योजना तैयार करने को कहा है. समिति ने कहा कि आरसीएस के लिए ज्यादा बजट आवंटन से देश के लिए स्थाई तौर पर एसेट तैयार होगा तो जीडीपी भी बढ़ेगी.
2017 में पीएम मोदी ने लॉन्च की थी स्कीम
दरअसल 27 अप्रैल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत दिल्ली-शिमला के बीच पहले उड़ान को हरी झंडी दिखाई थी. प्रधानमंत्री ने कहा था कि वे चाहते हैं कि देश में हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सके. आरसीएस-उड़ान स्कीम के तहत सरकार इस स्कीम के तहत उड़ान भरने वाले यात्रियों को हवाई यात्रा करने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है जिससे वे सस्ते में हवाई यात्रा कर सके. वीजीएफ के तहत सब्सिडी दी जाती है और सर्विस टैक्स में छूट मिलता है. फिलहाल ये योजना 10 साल के लिए लागू है.
ये भी पढ़ें

ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

