Air Fare To Rise: गर्मी की छुट्टियां शुरू होने के साथ ही गो फर्स्ट ने उड़ानें रद्द कर हवाई यात्रियों को दिया झटका, महंगा होगा हवाई सफर
Airfare Likely To Go Up: इस छुट्टियों के सीजन में घूमने जाने की प्लानिंग करने वालों को झटका लगने वाला है क्योंकि गो फर्स्ट के फैसले के बाद हवाई यात्रा महंगा हो सकता है.
Air Fare To Rise: गो फर्स्ट एयरवेज के दो दिनों के लिए अपने सभी उड़ानें रद्द करने के फैसले का खामियाजा हवाई यात्रियों को उठाना पड़ सकता है. एयरलाइंस के स्पॉट फेयर में उछाल देखने को मिल सकता है खासतौर से उन रूट्स में जहां गो फर्स्ट उड़ान भरा करती थी. घरेलू हवाई यात्रा वैसे ही अपने पीक पर है. विमानों में ऑक्यूपेंसी रेट 90 फीसदी के करीब है. यानि बहुत कम सीटें बुकिंग के लिए बची हुई है. ऐसे में गो फर्स्ट के उड़ानों को रद्द करने के बाद किसी और एयरलाइंस में टिकट बुक कराने पर यात्रियों को 20 से 25 फीसदी तक ज्यादा किराया देना पड़ सकता है.
इस गर्मी के मौसम में 26 मार्च से लेकर 28 अक्टूबर के बीच गो फर्स्ट को हर हफ्ते 1538 उड़ानें भरनी है. जिसमें दिल्ली-श्रीनगर और मुंबई गोवा रूट्स में रोजाना 6 उड़ानें भरनी है. दिल्ली-मुंबई के बीच रोजाना 52 में से 6 उड़ानें, दिल्ली-लेह के बीच 13 में से 5 और दिल्ली बागडोगरा के बीच 10 में से 3 उड़ानें रोजाना भरनी है. मई का महीने के शुरुआत के साथ ही छुट्टियों का सीजन शुरू हो जाता है जिसमें हवाई यात्रा की मांग बढ़ जाती है. इस सबके के बावजूद गो फर्स्ट ने अपनी सभी उड़ानें दो दिनों के लिए रद्द करने का फैसला किया है.
जानकारों का मानना है कि सबसे ज्यादा गो फर्स्ट के उड़ानों का रद्द करने का असर पटना, जम्मू और लेह जैसे रुट्स के हवाई किराये पर पड़ सकता है जहां डिमांड-सप्लाई के बीच अंतर दिखाई दे सकता है. दूसरी दिक्कतें उड़ानें रद्द होने से प्रभावित होने वाले यात्रियों की है. उन्हें अपना पैसा रिफंड कैसे और कब तक मिलेगा. हालांकि गो फर्स्ट ने कहा है कि वो यात्रियों का पैसा लौटाएगी. उड़ानें रद्द से परेशान यात्री सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जा रहे हैं. गो फर्स्ट एयरवेज के उड़ानें रद्द करने के फैसले से नाराज डीजीसीए ने कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए करते हुए पूछा है कि क्यों ना उसके खिलाफ इस अवमानना के लिए कार्रवाई की जाए. गो फर्स्ट को जवाब दाखिल करने के साथ 5 मई से उड़ानों के शेड्यूल का डिटेल्स भी डीजीसीए को देना होगा.
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI) के प्रेसीडेंट ज्योति मयाल ने कहा कि गो फर्स्ट 17 सालों से उड़ान भर रही थी और ये संकट तब आया है जब देश में घरेलू हवाई यात्रा की मांग में तेजी है. उन्होंने कहा कि जिन रूट्स में गो फर्स्ट उड़ान भरा रहा था उन रुट्स में किराये बढ़ाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में एयर फेयर में तेजी देखने को मिल सकती है.
टीएएआई ने अपने बयान में कहा कि मेंबर्स और कस्टमर के लिए टिकटों के रद्द होने पर रिफंड को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. इससे ट्रैवल एजेंट्स पर बुरा असर देखने को मिल सकता है और उन्हें खासा वित्तीय नुकसान हो सकता है. टीएएआई ने कहा कि सरकार को कस्टमर और सर्विस प्रोवाइडर के हितों को ध्यान में रखते हुए नीति बनानी चाहिए.
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