Airfare Shoots Up: गर्मी की छुट्टियों में घूमने जाने पर कटेगी जेब, टूरिस्ट स्पॉट्स के हवाई किराये में जबरदस्त उछाल!
Airfare Hike: श्रीनगर और पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे ज्यादा हवाई किराये में बढ़ोतरी देखी जा रही है और गो फर्स्ट प्रमुख कारणों में से एक है.
Airfare In India: गर्मी की छुट्टियों के सीजन की शुरुआत हो चुकी है. स्कूल भी बंद हो चुके हैं. ऐसे में इस समय पूरे परिवार के साथ लोग घूमने जाते हैं. लेकिन इस छुट्टियों के सीजन में पहले से जिन लोगों ने हवाई यात्रा के लिए टिकट बुक नहीं कराया है उनकी जेब कटने वाली है. टूरिस्ट स्पॉट्स पर घूमने जाने के लिए एयर फेयर बहुत ही महंगा हो चुका है.
गो फर्स्ट ने बढ़ाई हवाई यत्रियों की मुश्किल
एयर फेयर तो पहले से ही महंगा था उसपर से जिन लोगों ने गो फर्स्ट में टिकट बुक कराया हुआ था उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई है. गो फर्स्ट की फ्लाइट्स रद्द होने के चलते उसके यात्री भी दूसरे एयरलाइंस में टिकट लेने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वे जहां घूमने जाने वाले थे होटल्स पहले से ही बुक रखा था. ऐसे में बाकी एयरलाइंस की तो बल्ले-बल्ले हो गई है. एक तो गो फर्स्ट से रिफंड नहीं मिला उसपर से ज्यादा पैसे टिकट देकर टिकट बुक कराना पड़ रहा है. क्योंकि हवाई किराया तय करने का अधिकार एयरलाइंस के पास है जो पिछले साल अगस्त 2022 से पहले सरकार के पास हुआ करता था.
हवाई किराये में जबरदस्त उछाल
गर्मी की छुट्टियों के सीजन में सबसे ज्यादा टूरिस्ट कश्मीर जाना चाहते हैं. दिल्ली से श्रीनगर के एयर फेयर पर नजर डालें तो 15 से 31 मई महीने के दौरान एयर फेयर 9680 से 24,119 रुपये पर जा पहुंचा है जो सामान्य दिनों में 5000 से 6000 रुपये के बीच हुआ करता था. दिल्ली से जम्मू तक मई महीने में एयरलाइंस 9500 से लेकर 13700 रुपये तक एयर फेयर चार्ज कर रहे हैं. मुंबई से श्रीनगर का हवाई किराया मई महीने में 12666 से लेकर 27738 रुपये तक जा पहुंचा है जो सामान्य दिनों में 7000 से 10,000 रुपये में मिला करता था.
साफ है एयरलाइंस यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं. यात्रियों की मजबूरी है महंगा किराया देना. क्योंकि उन्होंने होटल्स कैब की बुकिंग पहले से करा रखी है. पर रेग्यूलेटर और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. संसद के बजट सत्र के दौरान संसद की स्थाई समिति ने हवाई किराये में जबरदस्त उछाल और एयरलाइंस कंपनियों के मनमाने तरीके से हवाई किराये बढ़ाने को लेकर हाल ही में संसद की स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में चिंता जाहिर की थी.
कब लगेगी महंगे एयर फेयर पर लगाम
समिति ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से हवाई किराये के अपर और लोअर लिमिट पर कैप लगाने की सिफारिश की थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विमान के अभाव में डिमांड बढ़ने पर हवाई किराये में जबरदस्त उछाल देखने को मिलता है. ऐसे में कमिटी ने अपनी सिफारिश में कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास हवाई किराये का अपर और लोअर लिमिट तय करने का ऐसा तरीका निकाले जिससे एयरलाइंस ना तो सस्ते में हवाई टिकट बेच सकें और ना भारी भरकम किराया वसूल सकें. स्थाई समिति ने इस मामले को लेकर एयरलाइंस कंपनियों को सम्मन भी भेजा था. इस तमाम कवायद के बावजूद हवाई यात्रियों की सुध लेना वाला कोई नहीं है.
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