High Airfare News: दशहरा (Dusshera) दिवाली ( Diwali) या छठ पर्व ( Chhath Puja) पर हवाई यात्रा ( Air Travel) की योजना बना रहे हैं आपको ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. कई रूट्स पर एयर फेयर ( Airfare) 20 से 30 फीसदी तक महंगा हो चुका है. मेट्रो के अलावा दूसरे व्यस्त रूट्स पर सबसे ज्यादा हवाई किराये में बढ़ोतरी देखने को मिली है. महंगे हवाई ईंधन ( ATF) के चलते इन रूट्स में सफर करने पर 20 से 30 फीसदी ज्यादा किराया चुकाना होगा. 


फेस्टिव सीजन में हवाई सफर की बढ़ी मांग!
सबसे ज्यादा हवाई किराया दिवाली और छठ पर्व के दौरान सफर करने पर महंगा नजर आ रहा है. इन त्योहारों पर 25 से 30 फीसदी ज्यादा लोग फ्लाइट्स के लिए सर्च कर रहे हैं. ट्रैवल पोर्टल्स पर बुकिंग में 25 फीसदी तक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अब आपको बताते हैं कितने में मिल रहा हवाई टिकट. 


दिवाली पर 300% महंगा हुआ हवाई सफर!
अगर आप दिवाली पर छुट्टी में घर जाने की प्लानिंग कर रहे तो आपको 200 से 300 फीसदी ज्यादा किराया देना होगा. 22 अक्टूबर, 2022 को धनतरेस के दिन और दिवाली से पहले पटना के लिए एक व्यक्ति के लिए हवाई टिकट 13,370 से लेकर 17,438 रुपये में मिल रहा है जो अभी 4350 रुपये में उपलब्ध है. अगर  दिल्ली से लखनऊ जाना चाहते हैं तो  6250 से लेकर 10,460 रुपये में टिकट मिल रहा है. जो अभी 3015 में उपलब्ध है. दिवाली से पहले कोई मुंबई से पटना तक के लिए टिकट बुक करना चाहता है को 22 अक्टूबर को 19541 रुपये से लेकर 24,108 रुपये में टिकट मिल रहा है. जबकि अभी 5800 रुपये में मुंबई से पटना जा सकते हैं. मुंबई से जयपुर जाने के लिए 22 अक्टूबर को 13,437 से लेकर 18,333 रुपये का भुगतान करना होगा. जबकि अभी 4206 रुपये में टिकट उपलब्ध है. 





अब किराया खुद तय कर रहे एयरलाइंस 
एक अक्टूबर से लेकर 24 अक्टूबर के बीच पटना, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद, वाराणसी, हैदराबाद, पुणे, गोवा, बागडोगरा और देहरादून के लिए सबसे ज्यादा हवाई टिकट की मांग देखने को मिल रही है. दरअसल 31 अगस्त 2022 से घरेलू उड़ान के लिए हवाई किराया तय करने का अधिकार घरेलू एयरलाइंस कंपनियों को मिल गया है. कोरोना महामारी के बाद 27 महीने तक  हवाई किराये के लोअर और अपर कैप पर सरकार ने जो सीमा लगा रखी थी वो खत्म हो गई. एयरलाइंस अब हवाई किराये खुद तय कर रही जैसे कोरोना पूर्व दौर में कर रही थीं. 


महंगे हवाई ईंधन का असर!
हवाई ईंधन के दामों में बढ़ोतरी और कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए एयरलाइंस त्योहारों पर महंगे में हवाई टिकट बेच रही हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के बाद हवाई ईंधन के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी आ गई थी. जिससे एयरलाइंस कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ा था. जबकि टिकट का किराया तय करने का अधिकार उनके पास नहीं था. 


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