नई दिल्लीः देश की कई एयरलाइन कंपनियों ने लॉकडाउन जारी रहने के दौरान ही अपनी फ्लाइट की टिकटों की बिक्री शुरू कर दी थी लेकिन वो यात्रियों को उनके टिकटों पर पैसा लौटाने की बजाए नई तारीखों पर उड़ान भरने के लिए वाउचर दे रही थीं.
अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस पर सख्त रुख अपनाया है और एयरलाइन कंपनियों को निर्देश दिया है कि लॉकडाउन की अवधि में बुक करे गए टिकटों का पूरा पैसा यात्रियों को लौटा दें. इसके लिए एयरलाइंस कंपनियों को तीन हफ्ते तक का समय दिया है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने परामर्श पत्र जारी किया है और इमें कहा है कि लॉकडाउन के पहले फेज यानी 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच यदि एयरलाइन कंपनियों ने लॉकडाउन के पहले या दूसरे चरण (25 मार्च से 03 मई) के लिए टिकट बुक किए हैं और उन्हें टिकट के पैसे पहले लॉकडाउन के दौरान ही मिल गए हैं तो वो टिकट कैंसिल करने वाले यात्रियों को बुकिंग का पूरा रिफंड देंगे. और ये पैसा आने वाले तीन हफ्तों के भीतर ही वापस करना होगा, इससे ज्यादा समय नहीं ले सकेंगे.
लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट एयरलाइन कंपनियों के टिकट की बुकिंग और रिफंड को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थीं. इन पर संज्ञान लेते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी प्राइवेट एयरलाइन कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों के साथ बात की. इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक परामर्श जारी किया .
निजी कंपनियों ने शुरू कर दी थी बुकिंग, कैंसिल करने पर दे रही थीं वाउचर
एयर इंडिया को छोड़कर देश की लगभग सभी एयरलाइन कंपनियों ने 14 अप्रैल के बाद से फ्लाइट टिकटों की बुकिंग शुरू कर दी थी जबकि उस समय लॉकडाउन खत्म होने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी. इतना ही नहीं एयरलाइन कंपनियां लॉकडाउन के दौरान कैंसिल टिकटों के लिए रिफंड देने की बजाए ट्रैवल वाउचर दे रही थी जिसके जरिए वो एक साल के भीतर यात्रा कर सकते हैं, भले ही उन्हें जरूरत हो या नहीं, इसीलिए इनके आधार पर एयरलाइंस कंपनियों के खिलाफ शिकायतें की जा रही थीं.