Airline Fare Hike: देश में एयरलाइनों के किराए तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके पीछे बड़ा कारण है कि अब ज्यादा पैसेंजर घरेलू यात्राएं कर रहे हैं. इसके असर से मांग बढ़ रही है और हवाई किरायों में डायनामिक प्राइसिंग लागू की जा रही है. 


कच्चे तेल के आसमान छूते दाम जल्द ही घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दामों में भी आग लगा देंगे, जिससे ट्रांसपोर्ट लागत हर स्तर पर बढ़ जायेगी और इस बढ़ी लागत की वसूली अंत में उत्पादक ग्राहकों से ही करेंगे. निश्चित तौर पर पैसेंजर्स को हवाई किरायों के रूप में और ज्यादा खर्च करना होगा.


कितने बढ़ चुके हैं दाम, डालिए एक नजर
ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी इक्सिगो का कहना है कि मार्च 3 तक हवाई किरायों में बड़ा इजाफा देखा जा रहा है और ये 1 से 7 फरवरी के दौरान के टिकट कीमतों के मुकाबले काफी ज्यादा हैं. दिल्ली-मुंबई के बीच 27 फरवरी से 3 मार्च के दौरान दिल्ली-मुंबई के हवाई टिकटों की कीमतें 5119 रुपये थीं. ये दाम 1 फरवरी से 7 फरवरी के दौरान दिल्ली मुंबई के बीच 4055 रुपये के एयर फेयर के मुकाबले करीब 26 फीसदी ज्यादा हैं. 


इसी तरह कोलकाता-दिल्ली सेक्टर के दाम 4725 रुपये से 29 फीसदी बढ़कर 6114 रुपये प्रति टिकट पर बढ़ चुके हैं. वहीं दिल्ली-बेंगलुरू के बीच हवाई टिकटों के दाम की बात करें तो ये 4916 रुपये से बढ़कर 6239 रुपये प्रति टिकट के हो चुके हैं. 


क्यों बढ़ रहे हैं एयरलाइन के टिकटों के दाम
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर कच्चे तेल के दाम पर देखा जा रहा है और इसके असर से जेट फ्यूल लगातार महंगा हो रहा है. 1 मार्च से जारी ATF के नए दाम देखें तो ये 95,350.66 रुपये प्रति लीटर पर आ गए हैं. ये प्राइस पिछले साल 1 मार्च 2021 को 59,400.91 रुपये प्रति किलो थे. इसका सबसे बड़ा कारण कच्चे तेल के दाम बढ़ना है. पिछले साल 10 मार्च को ब्रेंट क्रूड के दाम 68.18 डॉलर प्रति बैरल थे जो कि इस साल 8 मार्च को बढ़कर 129.47 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं. 


यात्रा डॉटकॉम के प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से इस बारे में बात करते हुए जानकारी दी है कि ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी के चलते सभी डोमिस्टिक रूट्स पर एयर फेयर करीब 20 फीसदी तक तो अवश्य बढ़ चुके हैं. इनमें भी दिल्ली-मुंबई, गोवा, बेंगलुरू, हैदराबाद और कोलकाता की बुकिंग इंक्वायरी और टिकटों के दाम में ज्यादा इजाफा देखा गया है. 


अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइ्ट में नहीं बढ़े उतने दाम
हालांकि अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स की बात करें तो 27 मार्च से दोबारा उड़ानें शुरू होने से पहले इनके दाम में ज्यादा इजाफा नहीं देखा जा रहा है और घरेलू फ्लाइट्स के मुकाबले इनके टिकटों के दाम उस तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं. इसके पीछे कारण है कि करीब 2 साल बाद भारत से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें सामान्य तौर पर संचालित होने वाली हैं और करीब 2000 फ्लाइट्स हर हफ्ते उड़ानें भरेंगी. मांग अच्छी होने और फ्लाइटें फुल होने से इनके दाम में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं देखी जा रही है जिससे अधिक से अधिक लोग अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के प्रति उत्सुकता दिखा रहे हैं. 


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