एयरलाइंस इंडस्ट्री मुश्किल में आई, इस साल जुलाई में 82.3 फीसदी कम यात्रियों ने किया एयर ट्रैवल
डीजीसीए ने कहा कि कोरोना संकटकाल के चलते सीमित उड़ानों के परिचालन की वजह से जुलाई 2020 में पैसेंजर लोड में भारी गिरावट आई है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संकट के कारण जहां सभी सेक्टर्स के कारोबार पर असर पड़ा है वहीं सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में एयरलाइन सेक्टर है. काफी समय तक तो कोरोना संकट के कारण एयरलाइंस के परिचालन बंद रहे और इसी का असर उनके कारोबार पर देखा जा रहा है. इसी कड़ी में जुलाई में पैसेंजर लोड में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
जुलाई में एयर ट्रैवल 82 फीसदी से ज्यादा गिरा इस वर्ष जुलाई में कुल 21.07 लोगों ने ही घरेलू हवाई यात्राएं की हैं जो पिछले साल की तुलना में 82.3 फीसदी कम दर्ज किया गया है. सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने ये जानकारी देते हुए बताया कि जून में जहां भारतीय एयरलाइंस में से मुख्य पांच एयरलाइंस ने सिर्फ 50-60 फीसदी ही एक्यूपेंसी हासिल की हैं.
घरेलू उड़ानों की क्षमता का कम इस्तेमाल डीजीसीए ने कहा कि कोरोना संकटकाल के चलते सीमित उड़ानों के परिचालन की वजह से जुलाई 2020 में पैसेंजर लोड में भारी गिरावट आई है. इसी साल साल जुलाई में स्पाइसजेट की कैपेसिटी का 70 फीसदी ही इस्तेमाल हुआ जबकि इंडिगो का 60.2 फीसदी, गो एयर का50.5 फीसदी, विस्तारा एयरलाइंस का 53.1 फीसदी और एयर एशिया इंडिया का 56.2 फीसदी इस्तेमाल हो सका. वहीं सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया के लिए यह 45.5 फीसदी दर्ज किया गया.
जून में इंडिगो को हुआ रिकॉर्ड घाटा कोविड-19 ने एविएशन, टूरिज्म और ट्रैवल सेक्टर की कंपनियों की कमाई को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली इंडिगो एयरलाइंस को जून तिमाही में 2,844 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ है. एक साल पहले अपने सर्वोच्च मुनाफे की तुलना में यह अब तक का इसका सबसे ज्यादा घाटा है. इंडिगो एयरलाइंस चलाने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने स्टॉक एक्सचेंज को भेजी सूचना में कहा है कि कोविड-19 की वजह से एयरलाइंस का ऑपरेशन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस वजह से जून तिमाही में उसकी कुल आय 88 फीसदी घट कर 1,143.8 करोड़ रुपये रह गई. जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 9,786.9 करोड़ रुपये रही थी.
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