Airlines Ticket Cancellation Charge: क्या आने वाले समय में एयर टिकट रद्द कराने का शुल्क एक जैसा हो सकता है? अगर ऐसा हुआ तो यात्रियों के लिए काफी आसानी हो सकती है और उन्हें सहूलियत मिल सकती है. इस समय कोरोनाकाल के चलते यात्रियों को अक्सर टिकट या फ्लाइट कैंसिल होने जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है. हाल ही में विस्तार एयरलाइंस के यात्रियों को हुई दिक्कतें भी सुर्खियों का हिस्सा बनी थीं. जानिए एयरफेयर टिकट कैंसिलेशन को लेकर क्या नई खबरें चल रही है.


संसद की समिति ने की वकालत- एक समान शुल्क लगाएं एयरलाइंस कंपनियां
संसद की एक समिति ने बुधवार को हवाई टिकट रद्द कराने पर सभी विमानन कंपनियों द्वारा एक समान शुल्क लगाने की व्यवस्था की वकालत की. समिति ने शुल्क दरें सरकार द्वारा विनियमित नहीं किये जाने पर चिंता भी जतायी. राज्यसभा में पेश परिवहन, पर्यटन और संस्कृति विभाग से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने उड़ानों के रद्द होने या देरी होने की स्थिति में यात्रियों को सुविधाएं देने के लिये सभी एयरलाइनों/ हवाई अड्डों को जारी नागर विमानन मंत्रालय के दिशानिर्देशों की सराहना की.


समिति ने कहा- चार्ज को बनाया जाए तर्कसंगत
समिति के अनुसार, हवाई टिकट रद्द होने पर लगने वाले शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है. टिकट रद्द करने की स्थिति में यात्रियों से वसूले जाने वाले शुल्क के लिये उच्च सीमा नियत की जानी चाहिए. संसदीय समिति ने मंत्रालय के जवाब पर चिंता व्यक्त की कि टिकट रद्द करने का शुल्क सरकार विनियमित नहीं करती है. इसके परिणामस्वरूप विभिन्न विमानन कंपनियों द्वारा लगाई जाने वाली शुल्क दरों में एकरूपता नहीं है.


टिकट कैंसिल करने के शुल्क अलग-अलग होने की कोई वाजिब वजह नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति मानती है कि क्षेत्र विशेष के लिये विभिन्न एयरलाइन कंपनियों की उड़ानों का शुरुआती और गंतव्य केंद्र एक ही है और साथ ही उड़ानों की अवधि भी लगभग सामान है. लेकिन उनके टिकट रद्द करने के शुल्क अलग-अलग हैं. इसका कोई मतलब नहीं है. इसीलिए समिति यह सिफारिश करती है सभी एयरलाइन के लिये टिकट रद्द करने का शुल्क समान होना चाहिए.’’


खाली रिक्तियों पर भी समिति ने जताई चिंता
एक अलग रिपोर्ट में समिति ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) में बड़ी संख्या में पद खाली होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की. समिति ने कहा कि इन रिक्तियों का एटीसीओ (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) की कार्य कुशलता पर गंभीर प्रभाव पड़ना तय है. समिति ने कहा कि एटीसीओ की रिक्तियों को भरने की तत्काल आवश्यकता है. मंत्रालय के इस संदर्भ में उठाए गए कदमों को ध्यान में रखते हुए समिति ने सिफारिश की है कि प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने को लेकर समयसारिणी का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.


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