Air Travellers Data: इंटरनेशनल फ्लाइट के हर विदेशी पैसेंजर का 24 घंटे पहले देना होगा पूरा डिटेल, एजेंसियां करेंगी खतरे की स्कैनिंग
International Air Passengers: भारत से उड़ान भर रहे या यहां आ रहे इंटरनेशनल फ्लाइट को अपने गैर भारतीय यात्रियों की पूरी डिटेल 24 घंटे पहले कस्टम डिपार्टमेंट के साथ साझा करनी होगी.
International Flight Passengers: भारत से विदेश की उड़ान भरना और विदेश से भारत की धरती पर लैंड करना पहले की तुलना में काफी सेफ रहेगा. विदेशी हवाई यात्रियों से होने वाले खतरे को भांपने के लिए भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाया है. भारत से उड़ान भर रहे या यहां आ रहे इंटरनेशनल फ्लाइट को अपने गैर भारतीय यात्रियों की पूरी डिटेल 24 घंटे पहले कस्टम डिपार्टमेंट के साथ साझा करनी होगी. यह भारत और विदेशी एयरलाइंस दोनों के लिए जरूरी है. एक अप्रैल 2025 से इसे लागू कर दिया गया है.
आदेश नहीं मानने पर भरना होगा भारी जुर्माना
इंटरनेशनल फ्लाइट के विदेशी पैसैंजर के बारे में डिटेल जानकारी भारत सरकार के कस्टम डिपार्टमेंट के साथ 24 घंटे पहले साझा नहीं करने वाले एयरलाइंस के खिलाफ भारी जुर्माना लगाया जाएगा. उल्लंघन करने पर हर बार 25 हजार से 50 हजार रुपये के बीच भरने होंगे. सभी एयरलाइंस को 10 जनवरी तक नेशनल कस्टम्स टारगेटिंग सेंटर-पैसेंजर(NCTC-PAX) के प्लेटफॉर्म पर निश्चित रूप से रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) की ओर से इस आशय का एक आदेश जारी किया गया है. इंटरनेशनल फ्लाइट के उड़ान भरने से 24 घंटे पहले विदेशी यात्रियों के दिए जाने वाले डिटेल में उनके मोबाइल नंबर, टिकट के लिए किए गए उनके भुगतान के तरीके और यात्रा के दौरान उनके मनपसंद खाने की च्वाइस सबका विवरण देना होगा. आठ अगस्त, 2020 को ही सीबीआईसी ने पैंसेजर नेम रिकॉर्ड (PNR) इनफॉर्मेशन रेगुलेशन्स 2022 जारी किया था. इसी के तहत विदेशी यात्रियों के पैसेंजर डिटेल साझा करना अनिवार्य किया गया है.
रिस्क एनालिसिस और प्रतिबंध की क्षमता बढ़ेगी
विदेशी यात्रियों के डिटेल मिल जाने से भारत सरकार की रिस्क एनालिसिस क्षमता बढ़ेगी और उसके मुताबिक किसी खास यात्री के बारे में आशंका होने पर उसे यात्रा से रोकने के लिए भारत सरकार कदम उठा सकती है. एयरलाइंस को इसके लिए बाध्य भी कर सकती है. इस आदेश के पालन के लिए पायलट फेज 10 फरवरी से ही शुरू हो जाएगा.