Aviation Sector: एविएशन सेक्टर के रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) ने महिलाओं को बड़ी खुशखबरी दी है. डीजीसीए ने बुधवार को कहा कि एयरपोर्ट और एयरलाइंस को महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां देना चाहिए. भारतीय एयरपोर्ट और एयरलाइंस में कम से कम 25 फीसदी महिला स्टाफ होना चाहिए. इसके लिए सभी एयरपोर्ट और एयरलाइंस समय-समय पर अपनी एचआर पॉलिसी की समीक्षा करें. साथ ही महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां देने का प्रयास करें.


खाली पड़े पदों पर ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की भर्ती हो 


डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने एविएशन सेक्टर में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए कई सिफारिशें जारी करते हुए सुझाव दिया कि एयरपोर्ट और एयरलाइंस में विभिन्न स्तरों पर कम से कम 25 फीसदी महिला कर्मचारी होने चाहिए. एयरपोर्ट (Indian Airports) और एयरलाइंस (Indian Airlines) को खाली पड़े पदों पर भर्ती करनी चाहिए और इसमें ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को मौका देना चाहिए. साथ ही महिलाओं के लिए काम की परिस्थितियों में लचीलापन लाना चाहिए.


जेंडर गैप की पहचान कर इसे भरने के उपाय किए जाएं 


इस सर्कुलर में कहा गया है कि सभी एयरपोर्ट और एयरलाइंस को अपने यहां जेंडर गैप की पहचान में जुट जाना चाहिए. इसके लिए एक सिस्टम बनाया जाए ताकि जेंडर गैप को भरा जा सके. एचआर पॉलिसी को ऐसा बनाया जाए ताकि महिलाएं बिना किसी भेदभाव के इन जगहों पर काम कर सकें. साथ ही किसी भी कारण से काम छोड़कर जा चुकी महिलाओं को दोबारा नौकरी पर रखने की व्यवस्था भी होनी चाहिए. 


ऐसी पॉलिसी बने कि महिलाओं को काम न छोड़ना पड़े 


डीजीसीए के निर्देश में कहा गया है कि कंपनियों में इस्तेमाल होने भाषा भेदभावपूर्ण नहीं होनी चाहिए. साथ ही कर्मचारियों को भी भेदभाव से बचने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. डीजीसीए ने कहा कि एविएशन सेक्टर महिलाओं के लिए चुनौतियां पैदा करता है. परिवार और काम की उलझन में फंसकर कई महिलाएं इससे दूरी बना लेती हैं. इसलिए एयरपोर्ट और एयरलाइंस ऐसी पॉलिसी बनाएं ताकि परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए महिलाएं काम न छोड़ें. 


भारत में महिला पायलटों की संख्या तेजी से बढ़ी


डीजीसीए के मुताबिक, भारत में महिला पायलटों की संख्या तेजी से बढ़ी है. विभिन्न एयरलाइंस में महिला पायलटों की संख्या लगभग 14 फीसदी है. हालांकि, एविएशन सेक्टर रेगुलेटर ने कहा कि यह संख्या कम से कम 25 फीसदी होनी चाहिए.


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