देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल टावर के मामले में जल्द ही बढ़त बना सकती है. कंपनी इंडस टावर्स में प्रतिस्पर्धी वोडाफोन समूह की हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है.
अभी भी एयरटेल के पास सबसे ज्यादा हिस्सा
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारती एयरटेल की वोडाफोन ग्रुप के साथ बातचीत चल रही है. यह बातचीत इंडस टावर्स में वोडाफोन ग्रुप की हिस्सेदारी खरीदने के लिए है. अगर यह सौदा हो जाता है तो इंडस टावर्स में दूसरी सबसे बड़ी घरेलू टेलीकॉम कंपनी के पास कंट्रोलिंग स्टेक आ जाएगा, क्योंकि अकेले उसकी हिस्सेदारी बढ़कर 70 फीसदी के करीब पहुंच जाएगी.
इंडस टावर्स में हिस्सेदारी का पैटर्न
अभी इंडस टावर्स में एयरटेल के पास सबसे ज्यादा 47.95 फीसदी हिस्सेदारी है. यह भले ही किसी एक शेयरहोल्डा के पास सबसे बड़ा हिस्सा हो, लेकिन यह कंट्रोलिंग स्टेक नहीं है, क्योंकि हिस्सा 50 फीसदी से कम है. वहीं वोडाफोन के पास 21.05 फीसदी और पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 30.97 फीसदी हिस्सेदारी है. अगर एयरटेल और वोडाफोन का सौदा हो जाता है तो उसका इंडस टावर्स में हिस्सा बढ़कर 69 फीसदी पर पहुंच जाएगा.
इंडस टावर्स के पास इतने टावर
इंडस टावर्स देश में मोबाइल टावर लगाने और ऑपरेट करने वाली प्रमुख कंपनी है. दिसंबर अंत तक के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी देश भर में 2 लाख 11 हजार 775 मोबाइल टावर ऑपरेट कर रही थी. एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया उसके ग्राहकों में शामिल है. मंगलवार को बीएसई पर इंडस टावर्स का शेयर करीब 3 फीसदी की मजबूती के साथ 359.65 रुपये पर बंद हुआ था.
इतनी हो सकती है सौदे की वैल्यू
अभी यह सौदा वैल्यूएशन के चलते अटका हुआ है. इंडस टावर्स के शेयरों के भाव में जनवरी से अब तक 77 फीसदी की तेजी आई है. ऐसे में एयरटेल मौजूदा स्तर पर डील करने के लिए तैयार नहीं है. एयरटेल यह सौदा 210-212 रुपये प्रति शेयर की दर से करना चाहती है. इस दर पर सौदा हुआ तो उसकी वैल्यू करीब 12 हजार करोड़ रुपये हो सकती है. वहीं शेयरों के मौजूदा स्तर पर वोडाफोन की हिस्सेदारी की वैल्यू करीब 20,500 करोड़ रुपये हो जाती है.
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