Penal Charges: श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने 14 जून 2024 को नोटिफिकेशन जारी कर कर्मचारियों के एम्पलॉय प्रॉविडेंट फंड (EPF), पेंशन (EPS) और इंश्योरेंस (EDLI) मद में योगदान में देरी करने पर एम्पलॉयर्स यानि नियोक्ताओं पर लगने वाले पेनल्टी चार्ज को घटाने का फैसला लिया है. लेकिन मंत्रालय के इस फैसले पर लेबर यूनियनों ने सख्त एतराज जताया है. एटक ने सरकार से कर्मचारियों के हितों के खिलाफ वाले इन नोटिफिकेशंस को फौरन वापस लेने को कहा है.  


लेबर यूनियन संशोधनों से नाराज 


एटक (AITUC) की जनरल सेक्रेटरी अमरजीत कौर ने कहा, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 14 जून 2024 को गजेट नोटिफिकेशन जारी करते हुए प्रॉविडेंट फंड स्कीम, पेंशन स्कीम, ईडीएलआई स्कीम में संशोधन किया है. इस संशोधनों में इस स्कीमों में एम्पलॉयर्स की तरफ से किए जाने वाले योगदान के डिफॉल्ट या देरी होने पर लगने वाले पेनल्टी को घटा दिया है. अमरजीत कौर ने कहा, इज ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर लिए गए फैसले की एटक कड़ी आलोचना करता है. उन्होंने कहा, ईपीएफओ ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज जिसके सदस्य लेबर यूनियन भी हैं उन्हें इस संशोधनों को लेकर अंधेरे में रखा. और ये जो तर्क दिया जा रहा है कि डिफॉल्ट करने पर एम्पलॉयर्स पर लगने वाले पेनल्टी में कमी से अनुपालन में सुधार होगा इसका कतई बचाव नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, एटक इन नोटिफिकेशन को वापस लेने की मांग करते हुए सरकार से त्रिपक्षीयता (Tri-Partism) का सम्मान करने को कहा है. 


एम्पलॉयर्स के योगदान में डिफॉल्ट करने पर घटा पेनल्टी


शनिवार 14 जून 2024 को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि ईपीएफओ के अधीन आने वाले एम्पॉलय प्रविडेंट फंड, एम्पलॉय पेंशन स्कीम, और एम्पलॉयज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम के लिए एम्पलॉयर से हर महीने योगदान का एक फीसदी या तीनों स्कीम के लिए सालाना 12 फीसदी पेनल्टी वसूला जाएगा. नोटिफिकेशन के जारी होने वाले तारीख से ये फैसला लागू हो चुका है. अब तक सालाना 25 फीसदी के दर पनेल्टी चार्ज वसूला जाता था. अब तक दो महीने से कम के लिए डिफॉल्ट करने पर 5 फीसदी सालाना के दर से पेनल्टी चार्ज देना होता था. दो महीने से अधिक और 4 महीने से कम पर 10 फीसदी सालाना दर के हिसाब से पेनल्टी लगता था. 4 महीने से ज्यादा और छह महीने से कम समय तक के लिए डिफॉल्ट करने पर 15 फीसदी सालाना के दर से पेनल्टी लगता था. और छह महीने से अधिक तक डिफॉल्ट करने पर 25 फीसदी सालाना दर के हिसाब से पेनल्टी देना होता था. 


एम्पलॉयर्स को राहत 


नए आदेश के मुताबिक 4 महीने से कम समय के लिए डिफॉल्ट करने पर लगने वाले पेनल्टी में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन लंबी अवधि तक के लिए डिफॉल्ट करने पर पहले के मुकाबले कम पेनल्टी चार्ज एम्पलॉयर्स को देना होगा. मौजूदा समय में महीने की 15 तारीख तक एम्पलॉयर्स को ईपीएफओ के पास पिछले महीने के लिए रिटर्न फाइल करना होता है उसके बाद होने वाली देरी को डिफॉल्ट माना जाता है. 


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