नई दिल्लीः डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के मकसद से सभी बैंक बचत खातों को 31 मार्च तक नेट बैंकिंग से जोड़ दिया जाएगा. इस बारे में तमाम सरकारी और निजी बैंकों को निर्देश जारी कर दिया गया है.
सामन्यत: बैंक खाते दो किस्म के होते हैं, बचत खाता और चालू खाता. वेतनभोगी या नियमित आय वाले लोग बचत खाता खोलते हैं. इन खातों में नगद निकालने और जमा कराने की कुछ शर्तें जरुर होती है, लेकिन इन खातों पर कम से कम 4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. वहीं व्यापार-काराबोर के लिए चालू खाता खोला जाता है जिसमें नगद निकालने और जमा कराने पर कोई पाबंदी नहीं होती है और इन खातों पर कोई ब्याज भी नहीं दिया जाता है.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जानकारी दी कि बैंकों के साथ बैठक में सभी बचत खातों को नेट बैंकिंग से जोड़ने का फैसला किया गया. अभी जब आप बैंक में खाता खोलने जाते हैं तो फॉर्म में मोबाइल नंबर बताने का कहा जाता है. साथ ही फॉर्म में दो विकल्प दिए जाते हैं कि क्या इस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल केवल लेन-देन की जानकारी देने के लिए होगा, या फिर इसका इस्तेमाल नेट बैकिंग के लिए भी होगा. ज्यादातर लोग केवल जानकारी देने का ही विकल्प अपनाते हैं. उक्त अधिकारी का कहना था कि सुरक्षा को लेकर चिंता की वजह से नेट बैंकिंग का विकल्प नहीं अपनाते हैं.
अब सरकार की योजना है कि सभी बैंक खातों के जरिए भीम एप का इस्तेमाल किया जाए. इस एप का इस्तेमाल करने के लिए खातों का नेट बैंकिंग से जुड़ा होना जरुरी है. भीम यानी Bharat Interface for Money एप का इस्तेमाल न केवल पैसा भेजने बल्कि पैसा हासिल करने के लिए भी हो सकता है. ये कोई मोबाइल बटुआ नहीं है, बल्कि आपके बैंक खाते से सीधे-सीधे जुड़ा है. यहां शर्त इतनी है कि आपका बैंक खाता लेन-देन करने वाले का खाता यूपीआई यानी Unified Payment Interface आधारित हो. मोबाइल बटुए में जहां एक सीमित राशि का ही भुगतान किया जा सकता है और वो भी उसे जो उस खास बटुए से जुड़े एप को डाउनलोड कर रखा हो. लेकिन भीम में ऐसी कोई पाबंदी नहीं. यहां आपका मोबाइल नंबर ही आपका आभासी भुगतान पता यानी वर्चुअल पेमेंट एड्रेस यानी वीपीए है और उसके जरिए भुगतान किया जा सकता है या भुगतान हासिल किया जा सकता है.
अभी यदि बैंक खाते में नेट बैंकिंग की सुविधा नहीं है तो भीम एप के जरिए भुगतान नही हो पाता है. लेकिन कोशिश यही है कि दो या तीन बार लेन-देन पूरा नहीं हो पाता है तो बैंक खाते में अपने-आप नेट बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. इसी को ध्यान में रखते हुए सभी बैंक खातों में खाता धारक का मोबाइल नंबर शामिल किया जा रहा है और उसी के आधार पर नेट बैंकिंग की सुविधा. अधिकारी का ये भी कहना था कि बैंक उन ग्राहकों से संपर्क कर स्वीकृति लेंगे जिन्होंने अभी नेट बैंकिंग की सुविधा नहीं ले रखी है.
आंकड़े बताते हैं कि तमाम बैंकों (सरकारी व निजी) के कुल मिलाकर 109.04 करोड़ बचत खाते हैं. इसमें से करीब 71 करोड़ यानी 65 फीसदी बैंक खातों को मोबाइल नंबर से जोड़ा जा चुका है, यानी उनमें नेट बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध हो सकती है. अब लक्ष्य ये है कि बाकी बचे 35 फीसदी खातों को नेट बैंकिंग के लायक बनाया जाए, यानी उन्हे मोबाइल नंबर से पहले जोड़ा जाए. इन सब काम के लिए 31 मार्च का लक्ष्य रखा गया है.