Alphabet Layoffs News: छंटनी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. ग्लोबल स्तर पर बड़ी-बड़ी कंपनियां छंटनी कर रही हैं. अब इस क्रम में गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट की एक यूनिट का नाम भी जुड़ गया है. अल्फाबेट इंक की सेल्फ-ड्राइविंग टेक्नोलॉजी यूनिट वायमो ने इस साल नौकरी के दूसरे दौर में कटौती कर दी है. 


रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे दौर में 137 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इसके साथ ही इस कंपनी के कुल वर्कफोर्स में से 8 फीसदी यानी कि 209 कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है. कंपनी ने कटौती का कारण बताते हुए कहा कि उसने अपने बिजनेस को सफल बनाने और उसपर ध्यान केंद्रीत करने के लिए ये छंटनी की है. 


वायमो ने कई इंजीनियर्स को भी नौकरी से निकाला है. कंपनी में नौकरी में कटौती ऑटो और टेक उद्योग में व्यापक छंटनी का हिस्सा है, जिसमें रिवियन ऑटोमोटिव इंक, जनरल मोटर्स कंपनी और मेटा प्लेटफॉर्म इंक शामिल हैं. यह कंपनी रोबोट के बिजनेस में है. इसमें कई निवेशकों के अरबो डॉलर का पैसा लगा हुआ है. ऐसे में छंटनी और कंपनी के नुकसान के कारण इससे जुड़े निवेशक चिंतित हैं. इसके अलावा, Ford Motor Co और Volkswagen AG ने नवंबर में सेल्फ-ड्राइविंग यूनिट Argo AI पर निवेश किया था. 


जनरल मोटर्स कंपनी ने किए 2 अरब डॉलर खर्च 


रॉयटर्स ने बताया कि जनरल मोटर्स कंपनी ने 2022 में अपनी रोबोटैक्सि यूनिट, क्रूज में करीब 2 बिलियन डॉलर खर्च किए और कहा कि वह इस साल और भी ज्यादा खर्च करने की उम्मीद है. एक्टिविस्ट निवेशक टीसीआई फंड मैनेजमेंट ने नवंबर में कहा था कि वायमो गूगल पैरेंट के अन्य बेट्स सेगमेंट का सबसे बड़ा घटक है और इसने ज्यादातर निवेश को गलत बताया है. 


अल्फाबेट ने इतने कर्मचारियों की थी छंटनी 


अल्फाबेट ने जनवरी में 12,000 कर्मचारियों के निकालने की घोषणा की थी. यह छंटनी भारत के साथ ही ग्लोबल स्तर पर की गई थी. इसके साथ ही साल के केवल दो महीने में कई कंपनि​यों ने कर्मचारियों की संख्या में बड़ी कटौती की है. यूनिकॉर्न्स और स्टार्टअप्स ने 10 हजार तक कर्मचारियों की छंटनी की है और अभी और नौकरियों में कटौती की संभावना है. 


इन कंपनियों के पास हजारों नौकरियां सेफ 


हालांकि भारतीय कंपनियां अभी भी कम छंटनी कर रही है और ग्लोबल स्तर पर कर्मचारियों की छंटनी की तुलना में भारत में कम लोगों की नौकरी गई है. प्रमुख आईटी फर्म टीसीएस, इंफोसिस, एचसीएल टेक टेक महिंद्रा, विप्रो, एलटीआईएमइंडट्री, कोफोर्ज और अन्य के पास सैकड़ों और हजारों नौकरियां हैं.


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