ई-रिटेलर अमेजन ने फ्यूचर को कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने के आरोप में कटघरे में खड़ा किया है. अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में अपनी शिकायत में कहा है कि 2019 में उसने फ्यूचर अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी खरीदी थी. लेकिन फ्यूचर ने इस संबंध में कॉन्ट्रेक्ट में उल्लंघन किया है.


अमेजन ने कहा, हिस्सेदारी बेचने से हमारी मंजूरी नहीं ली 


अमेजन ने कहा है कि फ्यूचर और रिलायंस के सौदे से पहले उसकी अनुमति नहीं ली गई, जबकि फ्यूचर के साथ पहले सौदे ( जिसके तहत  अमेजन ने फ्यूचर कूपन्स के जरिये फ्यूचर ग्रुप में अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी खरीदी थी) में यह करार था कि हिस्सेदारी बेचने से पहले उसकी अनुमति जरूरी है. अमेजन के इस करार के तहत ‘फर्स्ट रिफ्यूजल’ का अधिकार है.


अमेजन और फ्यूचर के बीच यह था करार 


करार के मुताबिक फ्यूचर कूपन्स को अपनी हिस्सेदारी के लिए पहले अमेजन सामने पेशकश करना था. अमेजन के मुताबिक फ्यूचर कूपन्स के साथ उसके करार में साफ लिखा है बगैर उसकी अनुमति के किसी थर्ड पार्टी या कंपीटिटर को वह अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच सकती. अमेजन की फ्यूचर रिटेल में पांच फीसदी हिस्सेदारी है. फ्यूचर रिटेल के तहत ही बिग बाजार और ईजी डे स्टोर का संचालन किया जाता है. पिछले साल अमेजन ने 1500 करोड़ रुपये में फ्यूचर कूपन्स की 5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी.


इस साल फरवरी में विदेशी निवेश से जुड़े नियमों में बदलाव किए गए थे. इसके बाद अमेजन ने फ्यूचर कूपन्स के जरिये फ्यूचर ग्रुप में हिस्सेदारी खरीदी ताकि रिटेल से जुड़े विदेशी निवेश नियमों का पालन हो सके. वैसे, अगस्त में रिलायंस रिटेल ने एक जटिल सौदे के तहत फ्यूचर समूह के रिटेल एसेट्स का अधिग्रहण कर लिया.


RBI का बड़ा फैसला, अब NEFT के बाद RTGS से भी 24x7 भेज सकेंगे पैसे, दिसंबर से शुरू होगी सर्विस


रघुराम राजन ने कहा, 'आत्मनिर्भर भारत बनाना है तो टैरिफ की दीवार खड़ी न करे सरकार'