Amazon India Layoffs: कर्मचारियों की छंटनी को लेकर पुणे के लेबर कमिश्नर ने ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन को नोटिस भेजा है. कंपनी पर आरोप है कि उसने वोलंट्री सेपरेशन पॉलिसी (Voluntary Separation Programme)  को लागू करने हुए गैरकानूनी तरीके से लोगों की छंटनी की है. इस नोटिस में अमेजन को 17 जनवरी, 2023 को लेबर कमिश्नर के सामने सभी साक्ष्यों के साथ निजी तौर पर या किसी प्रतिनिधि के माध्यम से पेश होने को कहा गया है.  


नैसेंट इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एम्पलॉयज सीनेट ) NITES ने अमेजन के खिलाफ शिकायत में कहा है कि इंडस्ट्रियल डिस्प्युट एक्ट के तहत कोई एम्पलॉयर सरकार की अनुमति के बगैर छंटनी नहीं कर सकती है. NITES के मुताबिक जो भी वर्कर ने एक साल से ज्यादा समय तक कंपनी में लगातार काम किया हो उसे एडवांस में तीन महीने की नोटिस दिए बिना और सरकार से बगैर मंजूरी के नौकरी से निकाला नहीं जा सकता है. संस्था का कहना है कि वो आईटी सेक्टर में काम करने वाले लोगों अधिकारों के लिए काम करती है.   


NITES का कहना है कि छंटनी से पहले एम्पलॉयर को आवेदन सबमिट करना होता है. आवेदन की जांच की जाती है. लेकिन संस्था का कहना है कि अमेजन ने श्रम कानून का उल्लंघन किया है. NITES के प्रेसीडेंट हरप्रीत सलूजा के अमेजन ने जो मुताबिक वॉलंट्री सेप्रेशन पॉलिसी लागू किया है उसके लिए श्रम मंत्रालय से कभी मंजूरी नहीं ली गई थी जो श्रम कानून का उल्लंघन है. अमेजन ने हाल ही में कहा है कि वो 18,000 के करीब ग्लोबल वर्कफोर्स की छंटनी करने जा रही है. अमेजन केइस पैसले का असर भारत में काम कर रहे लोगों पर भी पड़ सकता है. 


संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने टेक कंपनियों में छंटनी को लेकर सरकार से सवाल पूछा गया था कि जिसके जवाब में सरकार ने कहा कि मल्टीनेशनल,भारतीय आईटी कंपनियों, सोशल मीडिया से लेकर एड टेक कंपनियों और उससे जुड़े सेक्टर्स में छंटनी से जुड़ा मुद्दा राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है. 


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