नई दिल्लीः अपने ग्राहकों को बेहतर सर्विस देने के लिए अमेज़न ने अपना एक नया प्रोजेक्ट पेश किया है. जिसका नाम 'प्रोजेक्ट जीरो' है. कंपनी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट जीरो के तहत एक एडिशनल प्रोऐक्टिव मैकेनिज़्म और पावरफुल टूल को अपनाया जाएगा जिससे नकली लोगों को इस अमेज़न के प्लेटफॉर्म से हटाने में मदद मिलेगी.


यूरोप, जापान और यूएस में करीब 7000 ब्रैंड्स ने इस प्रोजेक्ट के तहत एनरोल करा दिया है. भारत की भी काफी कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया. इस मौके पर अमेज़न के वर्ल्डवाइड कस्टमर ट्रस्ट एंड पार्टनर सपोर्ट वाइस प्रेसीडेंट धर्मेश एम मेहता ने बताया इस लॉन्च के साथ ही भारत में हम लोग काफी ब्रैंड्स को देखकर उत्साहित हैं. इसमें छोटे, मीडियम और बड़े स्तर के मल्टी नेशनल ब्रैंड्स जुड़े हुए हैं ताकि नकली लोगों को हटाया जा सके.



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प्रोजेक्ट ज़ीरो अमेज़न की एडवॉन्स्ड टेक्नॉलजी और इनोवेशन से जुड़ती है. इसकी मदद से ब्रैंड्स के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है कि कौन असली है और कौन नकली है. इसके लिए तीन तरह के टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें ऑटोमेटेड प्रोजेक्शन्स, सेल्फ सर्विस काउंटरफीट रिमूवल टूल और प्रोडक्ट सीरियलाइज़ेशन शामिल हैं.


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कंपनी के मुताबिक 'प्रोजेक्ट जीरो पर काफी लंबे समय से काम किया जा रहा है. ताकि ग्राहकों को अमेज़न पर शॉपिंग करते वक्त विश्वसनीय चीज़ें मिल सकें. प्रोडक्ट सीरियलाइज़ेशन में एक यूनीक कोड दिया जाता है जो कि कोई भी ब्रैंड अपने मैन्यूफैक्चरिंग और पैकेजिंग प्रोसेस में अपनाता है. इसे स्कैन करके अमेज़न व्यक्तिगत तौर पर प्रोडक्ट की विश्वसनीयता को चेक करता है.


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