IBC Changes: आईबीसी और कंपनी कानूनों में होंगे बदलाव, लेकिन करना होगा इतना इंतजार
IBC Amendment: केंद्र सरकार आईबीसी और कंपनी कानूनों में व्यापक बदलाव करने की तैयारी में है. ये संभावित बदलाव इसी साल के अंत तक किए जा सकते हैं...
सरकार इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) और कंपनी कानूनों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है. संभावित बदलावों को लेकर सरकार संसद के शीत सत्र में संशोधन लेकर आ सकती है. खबरों में ऐसा दावा किया जा रहा है.
ईटी की एक रिपोर्ट में मामले से जुड़े लोगों के हवाले से कहा गया है कि सरकार संसद के शीत सत्र में आईबीसी और कंपनी कानूनों में व्यापक संशोधन पेश कर सकती है. बताया जा रहा है कि आईबीसी में किए जाने वाले संशोधन का उद्देश्य दिवालाशोधन की प्रक्रिया को तेज बनाना है. वहीं कंपनी कानूनों को लेकर कहा जा रहा है कि उनमें 100 से ज्यादा बदलाव किए जा सकते हैं.
आईबीसी की प्रक्रिया को तेज बनाने का उद्देश्य
अईबीसी में किए जाने वाले बदलाव में फोकस कर्जदाताओं की अगुवाई वाली एक नई व्यवस्था पर रहने वाला है. वहीं अभी सिर्फ एमएसएमई पर लागू कॉम्पैक्ट प्री-पैक रिजॉल्यूशन मैकेनिज्म का दायरा बड़ी कंपनियों तक बढ़ाए जाने की भी संभावना है. कॉम्पैक्ट प्री-पैक रिजॉल्यूशन मैकेनिज्म के तहत बैंकरप्सी की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू करने से पहले ही कर्जदार और कर्जदाता आपस में रिजॉल्यूशन पर सहमति बनाने का प्रयास करते हैं. कुल मिलाकर कह सकते हैं कि सरकार कंपनियों के दिवालाशोधन की प्रक्रिया को तेज बनाना चाहती है, ताकि आईबीसी के तहत आने वाली कंपनियों का समाधान जल्दी-जल्दी हो सके.
कंपनी कानूनों में इन बदलावों पर फोकस
कंपनीज एक्ट 2013 को लेकर कहा जा रहा है कि छोटे-बड़े मिलाकर कुल 100 से ज्यादा संशोधन किए जा सकते हैं. ये संशोधन विधायी लेखा-जोखा (ऑडिट) की व्यवस्था को बेहतर बनाने और उद्योग जगत पर अनुपालन के बोझ को कम करने पर केंद्रित होंगे. बताया जा रहा है कि सरकार ने संभावित बदलावों को लेकर अपनी पूरी तैयारी कर ली है. मौजूदा कानूनों में क्या-क्या बदलाव किए जाएंगे, उन्हें अंतिम रूप दिया जा चुका है.
इसी साल होने वाले हैं सारे बदलाव
संशोधनों को देर से पेश करने का कारण बजट को बताया जा रहा है. इस साल लोकसभा चुनाव के चलते फरवरी में अंतरिम बजट आया था. अब इस महीने पूर्ण बजट आने वाला है. इसके लिए 22 जुलाई से संसद का नया सत्र शुरू हो रहा है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं. संसद का शीत सत्र आम तौर पर दिसंबर महीने से पहले शुरू होता है. मतलब आईबीसी और कंपनी कानूनों में इसी साल के अंत तक बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
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