America- China Economy: चीन अमेरिका को पीछे छोड़कर वर्ल्ड पावर बनने के फिराक में है. साथ ही वह ग्लोबल स्तर पर अपनी पकड़ भी मजबूत करता चाहता है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की राइटर और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी की चीनी एक्सपर्ट जेसिका चेन वीस ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन को नियंत्रित, घेरने और दबाने के प्रसास को विफल किया है. उनका कहना है कि पूंजीवाद नष्ट हो जाएगा और समाजवाद जीतेगा. 


रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि ज्यादातार ऐसे देश अपनी ध्वस्त हुए हैं. चीन इसमें से एक होने का डर है. इसके अलावा, चीन की अर्थव्यवस्था आज मार्क्सवादी की तुलना में अधिक पूंजीवादी है और विश्व बाजारों तक पहुंच पर अत्यधिक निर्भर है. चीन ने कुछ सालों में सेना को काफी मजबूत किया है. रूस के साथ डील की है, विवादित एरिया में दावा को दबाया है और घरेलू हिंसा आदि को भी कंट्रोल किया है. 


चीन और अमेरिका एक दूसरे को बताते हैं कमजोर 


रिपोर्ट में कहा गया है कि, ये जानना काफी मुश्किल है कि वह अपनी अर्थव्यवस्था बदल सकती है या फिर अमेरिका को दुनिया की प्रमुख शक्ति से रिप्लेस कर सकती है. उन्होंने कहा कि जिनपिंग और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अमेरिका को चीन से अक्सर कमजोर रखने और बनाने के प्रयास में रहते हैं. 


ग्लोबल लीडर बनने के लिए जोखिम को तैयार चीन 


चीन एक सिस्टम को डेवलप करने के प्रयास में जुटा है, ताकि वह ग्लोबल स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत कर सके, लेकिन चीन में इस बात पर लगातार बहस चल रही है कि ग्लोबल लीडर की तलाश में चीन को क्या कीमत और जोखिम स्वीकार करना चाहिए. 


चीन के पास ये होंगी चुनौतियां 


NYT ने रिपोर्ट में कहा था कि चीन आर्थिक विपरीत स्थिति और कम आबादी का सामना कर रहा है और संयुक्त राज्य अमेरिका को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में टक्कर दे सकता है या फिर पार भी कर सकता है. हालांकि सेना से लेकर पूंजी और व्यापार आदि को लेकर अमेरिका के मामले में चीन कमजोर है. 


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