अमेरिका के पास टैरिफ तो भारत के पास EFTA की ताकत, डोनाल्ड ट्रंप से इन मुद्दों पर सीधे बातचीत कर सकते हैं PM Modi
PM Modi US Visit: ईएफटीए (EFTA) के साथ पिछले ही साल 10 मार्च को इसके लिए करार हुआ था. भारत से इन देशों के इस समझौते को टीईपीए यानी व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA) नाम दिया गया है.

PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इन दिनों विदेश दौरे पर हैं. फिलहाल वह फ्रांस में हैं, लेकिन कल यानी 12 फरवरी 2025 को अमेरिका पहुंच जाएंगे. यहां वह 14 फरवरी तक रहेंगे और इस दौरान अमेरिका (America) के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात में कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत और समझौते हो सकते हैं.
टैरिफ वॉर के इस दौर में पूरी दुनिया की नजर इस मुलाकात पर है, सब देखना चाहते हैं कि भारत डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों का जवाब कैसे देता है. चलिए, आज इस खबर में आपको बताते हैं कि कैसे भारत EFTA की शक्ति दिखाकर अमेरिका से कुछ मुद्दों पर सीधे बातचीत कर सकता है.
भारत के पास EFTA की शक्ति
EFTA यानी यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (European Free Trade Association - EFTA) चार यूरोपीय देशों का एक क्षेत्रीय व्यापार संगठन और मुक्त व्यापार क्षेत्र है. इन 4 देशों में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे औ स्विट्जरलैंड हैं. इसकी स्थापना 1960 में उन यूरोपीय देशों के लिए एक वैकल्पिक व्यापार ब्लॉक के रूप में की गई थी जो यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC), जो बाद में यूरोपीय संघ (EU) बना, में शामिल नहीं होना चाहते थे.
EFTA का उद्देश्य सदस्य राज्यों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है. भारत ने हाल ही में EFTA देशों से फ्री ट्रेड समझौते पर बातचीत की है. इसके लिए भारत वाणिज्य मंत्रालय के तहत ईएफटीए डेस्क स्थापित करने जा रहा है.
ईएफटीए के साथ पिछले ही साल 10 मार्च को इसके लिए करार हुआ था. भारत से इन देशों के इस समझौते को टीईपीए यानी व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA) नाम दिया गया है. ग्लोबल टैरिफ वॉर की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत इसी शक्ति का इस्तेमाल कर सकता है.
पीएम मोदी इन मुद्दों पर कर सकते हैं डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल इक्विपमेंट्स, सर्जिकल इक्विपमेंट और कुछ केमिकल्स सहित एक दर्जन से अधिक सेक्टर्स में टैरिफ में कटौती पर डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत कर सकता है. इससे अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा, भारत और अमेरिका एक संभावित 'मिनी व्यापार समझौते' पर भी चर्चा कर सकते हैं, जिससे व्यापारिक तनाव कम होने की उम्मीद है.
इससे पहले, भारत ने बजट में आयात शुल्क दरों को 13 फीसदी से घटाकर 11 फीसदी कर दिया था और हाई-एंड बाइक और लग्जरी कारों पर टैक्स में कटौती भी की थी. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी बैठक में व्यापार, रक्षा सहयोग और प्रौद्योगिकी पर भी चर्चा हो सकती है. माना जा रहा है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड तनाव की वजह से भारत को कुछ राहत मिल सकती है.
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