नई दिल्लीः ट्रम्प सरकार ने एच1बी वीजा जारी करने के नियम सख्त कर दिए हैं. इससे यहां खास कर जॉब-वर्क करने वाली भारतीय आईटी कंपनियों के लिए छोटी अवधि के लिए भारत से स्किल्ड वर्कर्स को बुलाने में भारी दिक्कतें हो सकती है.

अमेरिकी सरकार की नयी नीति के तहत यह साबित करना होगा कि एक या एक से अधिक जगहों पर जॉब-वर्क की तरह के काम करने के लिए इस वीजा पर बुलाए जा रहे कर्मचारी का काम विशिष्ट प्रकार का है और उसे खास जरूरत के लिए बुलाया जा रहा है. सरकार यह वीजा ऐसे कर्मचारियों के लिए जारी करती है जो बहुत उच्च कौशल प्राप्त होते हैं और उस तरह के हुनरमंद लोगों की अमेरिका में कमी होती है.

सरकार ने कल सात पन्नों का एक नीतिगत दस्तावेज जारी किया जिसमें एच1बी वीजा के नए नियम जारी किए गए हैं. इसके तहत अमेरिका के नागरिकता और आव्रजन विभाग को यह वीजा केवल तीसरे पक्ष के साइट कार्य (कार्यस्थल) की अवधि तक के लिए जारी करने की ही अनुमति होगी. इस तरह इसकी अवधि तीन साल से कम की हो सकती है जबकि पहले यह एक बार में तीन साल के लिए दिया जाता था.

यह नियम लागू हो गया है. इसके लिए ऐसा समय चुना गया है जबकि 1 अक्तूबर 2018-19 से शुरु होने वाले वित्त वर्ष के लिए एच1बी वीजा के आवेदन 2 अप्रैल से आमंत्रित किए जा सकते हैं.