(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Air Fare: महंगे हवाई किराये को लेकर संसदीय समिति ने निजी एयरलाइंस और एयरपोर्ट ऑपरेटरों को भेजा सम्मन! 5 अप्रैल को बुलाई बड़ी बैठक
High Air Fare: मार्च 2023 में ही संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट संसद को सौंपी जिसमें महंगे हवाई किराये को लेकर चिंता जाहिर की गई थी.
Air Fare Hike: हवाई किराये में जबरदस्त उछाल और एयरलाइंस कंपनियों के मनमाने तरीके से हवाई किराये बढ़ाने को लेकर हाल ही में संसद की स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में चिंता जाहिर की है. अब संसद की स्थाई समिति ने इस मामले को लेकर एयरलाइंस कंपनियों को सम्मन भेजा है. राज्यसभा सांसद वी विजयसाई रेड्डी की अध्यक्षता में ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म और कल्चर से जुड़ी संसदीय समिति ने 5 अप्रैल 2023 को हवाई किराया फिक्स किए जाने को लेकर अलग-अलग निजी एयरलाइंस, और एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर्स (Private Airport Operators) के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है.
संसदीय समिति ने एयरलाइंस कंपनियों को भेजा सम्मन!
संसद का बजट सत्र चल रहा है. और इसी क्रम में संसदीय समिति हवाई किराये तय करने को लेकर एयरलाइंस के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात करेगी. बीते महीने संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में हवाई किराये में बढ़ोतरी को लेकर सवाल खड़े किए थे. समिति ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से हवाई किराये के अपर और लोअर लिमिट पर कैप लगाने की सिफारिश की थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विमान के अभाव में डिमांड बढ़ने पर हवाई किराये में जबरदस्त उछाल देखने को मिलता है. ऐसे में कमिटी ने अपनी सिफारिश में कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास हवाई किराये का अपर और लोअर लिमिट तय करने का ऐसा तरीका निकाले जिससे एयरलाइंस ना तो सस्ते में हवाई टिकट बेच सकें और ना भारी भरकम किराया वसूल सकें.
हवाई किराये को रेग्युलेट करने पर जोर
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एयरलाइंस के कमर्शियल हितों के साथ हवाई यात्रियों के हितों को ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है. समिति ने कहा कि कमर्शियलाईजेशन के नाम पर हवाई यात्रियों को लूटने का मौका हरगिज नहीं दिया जा सकता है. स्थाई समिति ने मंत्रालय से कहा है कि वो हवाई किराये तय करने के लिए ऐसा प्राइसिंग मैकेनिज्म तैयार करे जिससे यात्रियों से भारी भरकम किराया एयरलाइंस ना वसूल सकें. समिति ने एविएशन सेक्टर की रेग्युलेटर डीजीसीए को हवाई किराया रेग्युलेट करने का अधिकार सौंपे जाने की भी सिफारिश की है.
कोरोना काल में सरकार कर रही थी किराया तय!
बीते वर्ष 31 अगस्त, 2022 को सरकार ने हवाई किराये तय करने का अधिकार फिर से एयरलाइंस को सौंप दिया था उसके बाद से हवाई किराये में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. खासतौर दिवाली, दशहरा, छठ, क्रिसमस जैसा त्योहारों और नए साल की छुट्टियों के दौरान एयर फेयर में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली थी. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान जब सरकार ने फिर से हवाई यात्रा को हरी झंडी दी तब सरकार हवाई किराये को रेग्युलेट कर रही थी. हवाई यात्रा के समय के हिसाब से हवाई किराये का लोअर और अपर बैंड फिक्स कर दिया था. लेकिन 31 अगस्त 2022 से सरकार ने फिर से हवाई किराया तय करने का अधिकार एयरलाइंस को सौंप दिया.
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