Amitabh Kant: भारत सरकार ने हाल ही में अपनी नई ईवी पॉलिसी (EV Policy) का ऐलान किया था. इसके बाद टेस्ला के इंडिया आने की अटकलें तेज हो गई थीं. टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने भारत आने का ऐलान भी किया था. साथ ही उनकी टीम देश में प्लांट लगाने के लिए उचित जगह की तलाश में जुट गई थी. मगर, एलन मस्क भारत का दौरा रद्द कर चुपचाप चीन पहुंच गए थे. इसके बाद से ही टेस्ला के इंडिया प्लांट का प्लान खटाई में पड़ गया है. अब नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी 20 शेरपा अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी कंपनी के हिसाब से देश की नीतियां नहीं बदलती हैं. भारत अपनी ईवी पॉलिसी बना चुका है. अब इसमें बदलाव की गुंजाइश नहीं है.


हर कंपनी के लिए अलग पॉलिसी नहीं होती


अमिताभ कांत ने टेस्ला को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि हर कंपनी के लिए अलग पॉलिसी नहीं होती है. हमारे पास एक ईवी पॉलिसी है और हर कंपनी को इसे स्वीकारना ही होगा. नीति आयोग के पूर्व सीईओ के बयान से माना जा रहा है कि टेस्ला ने भारत आने के लिए ईवी पॉलिसी में दी गई छूट से भी इतर कुछ डिमांड की थीं. भारत सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने वाली कंपनियों को कई तरह के इंसेंटिव देने की घोषणा की थी. 


नई ईवी पॉलिसी में दी गईं हैं कई छूट 


नई ईवी पॉलिसी के अनुसार, देश में 4150 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट करने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट दी जाएगी. साथ ही मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने वाली कंपनियों को 3 साल के अंदर 25 फीसदी और 5 साल के अंदर 50 फीसदी पार्ट्स भारत की कंपनियों से ही लेने होंगे. साथ यह उन्हें 35 हजार डॉलर से ज्यादा कीमत वाली कारों को भारत में आयात करने पर 15 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी ही चुकानी पड़ेगी. साथ ही जो कंपनी जितना ज्यादा निवेश करेगी उसे उतनी ही ज्यादा कारों को इंपोर्ट करने पर छूट मिलती. 


अगले 5 साल में बहुत कुछ होने जा रहा


अमिताभ कांत ने कहा कि आने वाले 5 सालों में बहुत कुछ होने जा रहा है. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भी यह बदलाव देखने को मिलेंगे. दुनिया परिवहन के टिकाऊ साधनों की ओर बढ़ रही है. सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और बसें खरीदने पर भी सब्सिडी दी जा रही है. इसका व्यापक असर दिखाई देगा.


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