Amrapali Group Homebuyers: दिल्ली एनसीआर में नोएडा - ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली समूह के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में सपनों का आशियाना खरीदने वाले होमबायर्स एक दशक से ज्यादा समय से घर के पजेशन मिलने का इंतजार कर रहे हैं. पर आम्रपाली के होमबायर्स का लंबा इंतजार जल्द खत्म होने वाला है. मार्च 2025 तक आम्रपाली समूह के सभी अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के कंस्ट्रक्शन के काम को पूरा कर लिया जाएगा.
सार्वजनिक क्षेत्र की कंस्ट्रक्शन कंपनी एनबीसीसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आम्रपाली समूह के अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा कर रही है. एनबीसीसी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली समूह के अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में करीब 13,500 फ्लैट्स के कंस्ट्रक्शन के काम को पूरा कर लिया है. और समूह के जो ऐसे प्रोजेक्ट्स की जो हाउसिंग यूनिट्स है जिनका कंस्ट्रक्शन का काम पूरा होना बाकी है मार्च 2025 तक ये भी बनकर तैयार हो जाएंगी. मार्च 2025 तक बचे हुए 25,000 फ्लैट के कंस्ट्रक्शन के काम को पूरा कर लिया जाएगा.
एनबीसीसी के चेयरमैन एमडी के पी महादेवस्वामी ने पीटीआई से कहा, ''एनबीसीसी चुनौतियों के बावजूद आम्रपाली की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. एनबीसीसी ने अपने सभी संसाधनों को इन हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए झोंका हुआ है. जिससे आम्रपाली के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के होमबायर्स के घर का सपना पूरा हो सके. उन्होंने कहा कि मार्च, 2025 तक सभी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की उम्मीद है. के पी महादेवस्वामी ने कहा, एनबीसीसी ने अब तक करीब 13,500 फ्लैट्स के कंस्ट्रक्शन को पूरा कर चुकी है जिसमें से 5,100 हाउसिंग यूनिट्स को होमबायर्स को सौंपा जा चुका है.
आम्रपाली के 25 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में कुल 46,575 फ्लैट्स बनने थे. इनमें से 8,416 हाउसिंग यूनिट्स पर जुलाई, 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने से पहले ही होमबायर्स को घर का पजेशन मिल चुका था. एनबीसीसी को बाकी बचे 38,159 यूनिट्स और पहले सौंपे जा चुके फ्लैटों के लिए सुविधाओं का निर्माण करना था. एनबीसीसी ने करीब 5,512.10 करोड़ रुपये का काम सितंबर, 2023 तक पूरा कर लिया और इस साल 23 अक्टूबर तक होमबायर्स से उसे 5,229.60 करोड़ रुपये मिले है.
एसबीआईकैप वेंचर्स लिमिटेड ने छह हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 650 करोड़ रुपये फंड उपलब्ध कराया है. इसके अलावा सात बैंकों - बैंक ऑफ बड़ौदा (लीड बैंक), इंडियन बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक के एक गठजोड़ ने भी 1,500 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
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