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Amul Vs Nandini: कर्नाटक में अमूल और नंदिनी के बीच दूध बिक्री की लड़ाई-राजनीतिक विवाद तक आई, जानें क्या है सारा मामला

Amul Vs Nandini in Karnataka: दिग्गज दूध कंपनी अमूल और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के ब्रांड नंदिनी के बीच दूध की बिक्री को लेकर विवाद हो गया है और राज्य में राजनीतिक पार्टियां भी इस मामले में कूदी हैं.

Amul Vs Nandini in Karnataka: देश में दूध और दूध उत्पादों की बढ़ी हुई महंगाई दर इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है. केंद्र सरकार ने उन खबरों को भी भ्रामक बताया है जिनमें कहा जा रहा है कि भारत में जल्द ही मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स का आयात करने पर विचार हो रहा है. हालांकि इस समय दूध की बिक्री को लेकर एक राज्य में विवाद की स्थिति पैदा हो गई है और ये राज्य कर्नाटक है जहां अगले महीने 10 मई को विधानसभा चुनाव होने वाला है. ऐसे में राज्य में राजनीतिक पार्टियों के बीच इस मामले पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं. ये मामला देश की एक बड़ी डेयरी प्रोडक्ट्स कंपनी अमूल और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन की मिल्क कंपनी नंदिनी के बीच चल रहा है और इसको लेकर जोरदार वाद-विवाद हो रहा है.

देश की दिग्गज मिल्क कंपनी अमूल और कर्नाटक की मिल्क कंपनी नंदिनी के बीच कारोबार की लड़ाई की आंच राजनीतिक पार्टियों के बीच भी सुलग रही है. ताजा घटनाक्रमों के अंतर्गत कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि "विपक्षी पार्टियों को अमूल की राज्य में एंट्री के मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए. हमें अमूल को लेकर पूरी तरह स्पष्टता है और नंदिनी एक नेशनल ब्रांड है और ये केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं है. हमने और राज्यों में भी नंदिनी को ब्रांड के रूप में प्रचारित किया है."

सोशल मीडिया पर भी हैशटैग वॉर

अमूल ने इस बुधवार को ही कर्नाटक में एंट्री का एलान किया है और कहा है कि वो इ-कॉमर्स चैनल्स के जरिए राज्य में दूध और दूध उत्पादों की बिक्री करेगा. इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर हलचल मच गई और हाल ही में #SaveNandini और #GobackAmul जैसे हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे थे और जबसे ये मामला सामने आया है लोगों के बीच उत्सुकता बढ़ी है. 

क्या है पूरा मामला

दरअसल ये सारा मामला तब गर्म हुआ जब अमूल ने कुछ समय पहले एक ट्विटर पोस्ट किया जिसमें लिखा था कि "दूध और दही के साथ एक ताजगी की नई लहर बंग्लुरू आ रही है. अधिक जानकारी आने वाली है" #LaunchAlert 

अमूल के कर्नाटक में इस लॉन्च अलर्ट के बाद से राज्य में चर्चा होने लगी कि गुजरात बेस्ड को-ऑपरेटिव सोसायटी  के(GCMMF) अमूल ब्रांड के जरिए सत्ताधारी बीजेपी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के ब्रांड नंदिनी को खत्म करने की कोशिश कर रही है. वहीं सीएम बोम्मई ने इस मामले पर कहा कि "यहां अमूल से डरने की कोई जरूरत नहीं है और हमारा नंदिनी एक स्टैबलिश्ड ब्रांड है, हम अमूल को कड़ा मुकाबला देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं."

सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि सरकार अमूल को लेकर पूरी तरह स्पष्ट है. उन्होंने ये भी कहा कि राज्य में ना केवल मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स का उत्पादन बढ़ा है बल्कि किसानों को इंसेटिव भी दिए जा रहे हैं. उन्होंने ये भी बताया कि KMF की कई डेयरी को कर्नाटक में बीजेपी के शासनकाल में ही स्थापित किया गया है. 

विपक्षी पार्टियों ने क्यों उठाया इस मुद्दे को

जब से कर्नाटक में अमूल की एंट्री की बात सामने आई है तभी से कांग्रेस सहित राज्य की विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को उठाया है. रणदीप सुरजेवाला और डीके शिवकुमार सहित कई कांग्रेस नेताओं ने इसे बीजेपी की चाल बताया है जिससे प्रदेश में अमूल को ज्यादा बढ़ावा मिलेगा और नंदिनी ब्रांड को अमूल की एंट्री से खतरा होगा. जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी जो राज्य के पूर्व सीएम भी रह चुके हैं, उन्होंने भी अमूल के राज्य में आगमन का विरोध किया है. 

क्यों गर्म हुई अमूल और नंदिनी को लेकर बहस

कर्नाटक में कांग्रेस के पार्टी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस विषय को उठाते हुए बीजेपी पर आरोप लगाए कि वो नंदिनी ब्रांड को बेचना चाहती है. एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को गुजरात की अमूल को बेचने की बीजेपी की साजिश अब साफ दिखाई दे रही है. 

वहीं एचडी कुमारस्वामी ने भी आरोप लगाया कि अमूल कर्नाटक में अपनी एकमात्र प्रतिद्वंदी नंदिनी को खत्म करने की बुरी सोच के साथ आ रही है. कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि "एक राष्ट्र, एक अमूल, एक दूध और एक गुजरात" केंद्र सरकार की आधिकारिक नीति बन गई है, इसलिए अमूल इसके साथ खड़ा होकर KMF का गला घोंट रहा है,".

कर्नाटक में क्यों बड़ा हो रहा है मुद्दा

कर्नाटक में इन दो ब्रांड की लड़ाई सियासी लड़ाई में इसलिए तब्दील हो रही है क्योंकि आने वाली 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं. सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस, जेडीएस जैसे दल इसे किसानों के हित का संघर्ष बताकर अपना राजनीतिक हित पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं और राज्य के निवासियों के बीच अपना आधार बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.

इसी दौरान कर्नाटक कांग्रेस के चीफ डीके शिवकुमार ने एएनआई से कहा है कि "हम हमारे किसानों और दूध को सुरक्षा देना चाहते हैं. हमारे पास पहले से ही नंदिनी है जो अमूल से बेहतर ब्रांड है. हमें किसी अमूल की जरूरत नहीं है. हमारा पानी...हमारा दूध और हमारी मिट्टी बेहद मजबूत है."

नंदिनी ब्रांड को जानें

कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) द्वारा मार्केटिंग किया जाने वाला नंदिनी ब्रांड बंग्लुरू में मिल्क सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा ब्रांड है. डेयरी उद्योग के सूत्रों के मुताबिक प्रति दिन 23 लाख लीटर, जो बेंगलुरु के दूध बाजार का लगभग 70 फीसदी है, इसके साथ नंदिनी के दूध की बिक्री 33 लाख लीटर प्रति दिन आंकी गई है. नंदिनी ने अपने दूध की कीमतें भी काफी कम रखी हुई हैं और 39 रुपये प्रति लीटर पर ये कर्नाटक में दूध की बिक्री करती है. 

ताजा विवाद पर अमूल का क्या है कहना

फाइनेंशियल एक्सप्रेस को दिए एक जवाब में GCMMF के मैनेजिंग डायरेक्टर जयेन मेहता ने कहा कि कर्नाटक में ब्रांड की एंट्री को लेकर ट्विटर पर मचे तूफान के बारे में वो जानते हैं. उन्होंने ये भी बताया कि अमूल ब्रांड फिलहाल ई-कॉमर्स/क्विक कॉमर्स चैनल के जरिए ही बिक्री करेगा और जनरल ट्रेड पर ध्यान नहीं दे रहा है. चूंकि सामान्य ट्रेड के लिए हमें ब्रांड प्रोडक्ट्स के दाम नीचे लाने पड़ेंगे और ऐसा फिलहाल कोई प्लान नहीं है. अमूल की कर्नाटक में एंट्री अभी 6 महीने के बाद ही हो पाएगी.  

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