बेनामी लेन-देन करने वाले हों सावधानः आईटी विभाग ने किया लोगों को सचेत
आईटी डिपार्टमेंट ने कहा है कि नये कानून में बेनामी सम्पत्ति रखने पर लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है और सात साल तक का कठोर कारावास भी हो सकता है.
नई दिल्ली: बेनामी लेन-देन करने वालों के लिए खतरे की घंटी बज गई है. सरकार लगातार बेनामी प्रॉपर्टी रखने वालों के खिलाफ बड़े कदम ले रही है. इसी के तहत आज इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लोगों को बेनामी लेन-देन से दूर रहने को लेकर सावधान किया है.
आज विभाग ने यह चेतावनी राष्ट्रीय अखबारों में पब्लिक एडवर्टाइजमेंट के तौर पर प्रकाशित करायी है. आईटी डिपार्टमेंट ने कहा है कि नये कानून में बेनामी सम्पत्ति रखने पर लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है और सात साल तक का कठोर कारावास भी हो सकता है.
‘बेनामी लेन-देन से रहें दूर’ ‘बेनामी लेन-देन से रहें दूर’ शीर्षक वाले इस विज्ञापन में काले धन को मानवता के खिलाफ अपराध बताया गया है और जागरुक नागरिकों से इसे दूर करने में सरकार की मदद का अनुरोध किया गया है. विभाग ने एक नवंबर 2016 से नये बेनामी संपत्ति (रोक) संशोधन अधिनियम 2016 के तहत कार्रवाई की शुरुआत की है.
आईटी विभाग ने की 1833 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क विभाग ने कहा, ‘‘बेनामीदार, लाभार्थी और बेनामी लेन-देन से जुड़े लोगों पर मुकदमा चलाया जा सकता है और उन्हें सजा के तौर पर सात साल तक की सश्रम कैद और बेनामी संपत्ति की बाजार कीमत का 25 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है.’’ विभाग ने एक नवंबर 2016 से अक्तूबर 2017 के बीच 517 नोटिस जारी किये और कुर्की की 541 कार्रवाई और कुल 1833 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की गयीं.
आईटी विभाग ने जो विज्ञापन दिया है इसमें कहा गया कि गलत जानकारी देने वाले लोगों को नये कानून के तहत 5 साल की सजा और संपत्ति के बाजार मूल्य का 10 फीसदी तक जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा बेनामी संपत्ति को जब्त भी किया जा सकता है और टैक्स चोरी के आरोप में आयकर अधिनियम 1961 के तहत मुकदमा भी चल सकता है.