कश्मीर के बाद राजस्थान में लिथियम (Lithium Reserve) का एक और बड़ा भंडार मिलने की खूब चर्चा हो रही है. यह चर्चा स्वाभाविक भी है क्योंकि लिथियम का महत्व अभी काफी बढ़ गया है. भारत की ज्यादातर जरूरतें फिलहाल आयात से पूरी हो रही हैं. ऐसे में देश के अंदर लिथियम का भंडार मिलना आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पाने में मददगार हो सकता है. इस बारे में हो रही चर्चा में अब उद्योगपति आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) भी उतर गए हैं.
महिंद्रा ने शेयर की ये खबर
आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया (Social Media) पर काफी एक्टिव रहते हैं. उनके दिलचस्प ट्वीट सोशल मीडिया यूजर्स (Social Media Users) खूब पसंद भी करते हैं. ताजा ट्वीट में महिंद्रा ने राजस्थान में लिथियम भंडार मिलने की खबर शेयर की है. उन्होंने भंडार मिलने की खबर सामने आने के अगले दिन इसे शेयर करते हुए लिखा है कि अब तत्काल इसे रिफाइन करने के लिए प्लांट लगाने की जरूरत है.
चीन के पास काफी बड़ी क्षमता
उन्होंने लिथियम के मामले में चीन के दबदबे वाली स्थिति का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बात जब लिथियम की रिफाइनिंग करने की क्षमता की है तो चीन इसमें पहले ही आगे है. अब हमें भी फटाफट इस अहम मिनरल को रिफाइन करने के काम में जुट जाना चाहिए और इसके लिए प्लांट लगाना चाहिए.
यहां मिला है बेशकीमती भंडार
आपको बता दें कि भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण को राजस्थान के नागौर जिले में देगाना के पास लिथियम का नया भंडार मिला है. इससे पहले हाल ही में जम्मू-कश्मीर में भी लिथियम का बड़ा भंडार मिला था. भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण और खनन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि नागौर में मिला लिथियम का भंडार इससे पहले कश्मीर में मिले भंडार से भी बड़ा है.
ये है सप्लाई चेन में सबसे जरूरी
महिंद्रा ने इसी खबर की चर्चा की है. उन्होंने ट्वीट किया, अंतत: हमारे पास भी उस प्राकृतिक संसाधन का बड़ा भंडार है, जो 21वीं सदी में वृद्धि के लिए बहुत जरूरी है. यह इस बाम का संकेत है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है. हालांकि सप्लाई चेन की सबसे जरूरी चीज भंडार नहीं बल्कि रिफाइनिंग है, जिसमें चीपहले ही काफी आगे है. हमें भी तेजी से रिफाइनिंग क्षमता लगाने की जरूरत है.
इस कारण अहम है ये खबर
ऐसा दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में मिले भंडार में इतना लिथियम है कि इससे भारत की 80 फीसदी जरूरतें पूरी हो सकती हैं. अभी तक भारत लिथियम के मामले में चीन पर निर्भर है. लिथियम एक नॉन-फेरस मेटल है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल से लेकर लैपटॉप तक में और इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर चार्जेबल बैटरी तक बनाने में होता है. यह काफी कीमती धातु है और इसका लगातार बढ़ता इस्तेमाल कच्चे तेल की तरह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ बन सकता है. ऐसे में लगातार भंडार मिलने से इस बात की उम्मीद बढ़ी है कि लिथियम के मामले में आयात पर हमारी निर्भरता कम हो सकती है.
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